बरेली : शहर की यातायात व्यवस्था रामभरोसे, कोनों में खड़े मिले ट्रैफिक पुलिस कर्मी

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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बरेली, अमृत विचार। स्टेडियम रोड पर नो एंट्री में हुए हादसे के बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने भले ही टीएसएई समेत चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया हो, लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था गुरुवार को भी रामभरोसे ही रही। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की घूसखोरी के चलते दर्दनाक हादसे में महिला की मौत के अगले दिन शहर के प्रमुख चौराहों की अमृत विचार की टीम ने पड़ताल की तो हैरानी वाली तस्वीर सामने आई। अधिकांश चौराहों पर यातायात पुलिस के जवान नजर नहीं आए, बल्कि कोनों में खड़े होकर दुपहिया वाहन चालकों और बाहर के नंबर वाली गाड़ियों पर ही निशाना लगाते रहे।

सैटेलाइट बस स्टैंड पर ट्रैफिक पुलिस का इंटरसेप्टर वाहन खड़ा दिखा तो उसमें पुलिस कर्मी गायब दिखे, जबकि दो होमगार्ड कुछ दूरी पर बाइक सवार को रोकते दिखे। इसके आगे बीसलपुर चौराहे पर एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी ही दिखा, वहां पर मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मी होमगार्ड के साथ बीसलपुर रोड के मोड़ वाली साइड पर बातचीत में व्यस्त था। कुछ दूर पर यूनिवर्सिटी से आगे डोहरा चौराहा पर न तो ट्रैफिक पुलिस थी और न ही कोई अन्य पुलिस कर्मी। ट्रैफिक सिग्नल लाइट होने के बाद भी लोग बेतरतीब तरीके से वाहन लेकर निकलते दिखे। संजय नगर चौराह पर भी व्यवस्था बदहाल दिखी। कालोनी से पीलीभीत रोड पर पहुंचते ही लोग रोड क्रॉस करते समय हादसे का शिकार न हो जाए, इसलिए डिवाइडर के कट पर अवरोधक लगे हैं, बाइक सवार से लेकर थ्री व्हीलर इसी के बीच होकर गुजरते दिखे। सौ फुटा मोड़ पर भी कोई पुलिस कर्मी नहीं दिखा। इस रोड पर मौत बनकर दौड़ती मिट्टी और रेता-बजरी भरी ट्रालियां नजर आईं। इनकी रोक-टोक के लिए सौ फुटा चौराहा से लेकर डेलापीर मोड़ तक कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी नहीं दिखा।

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डमरू चौराह पर भी कुछ इसी तरह का हाल देखने को मिला। यहां सबसे अधिक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन यहां तैनात पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के बाद केवल दो पुलिस कर्मी ही नजर आए। जो किसी तरह यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करते दिखे। स्टेडियम रोड पर ट्रैक्टर-ट्रालियां दौड़ती नजर आई। इसको लेकर बताया गया कि स्टेडियम के आसपास रेता-बजरी की दुकानें होने की वजह से ट्रालियां दिनभर ऐसे ही दौड़ती हैं।

जोर कमाई पर, वाहन चेकिंग सिर्फ नाम के लिए
नो एंट्री जोन ही नहीं शहर के प्रमुख चौराहों के अलावा सड़कों पर वाहनों की चेकिंग के नाम पर वसूली का खेल कोई नया नहीं है। गैर जनपद व गैर प्रांतों के चालकों के साथ अवैध वसूली के साथ-साथ बदसलूकी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन्हें ज्यादा परेशान किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति उनके कहे अनुसार चढ़ावा नहीं चढ़ाता है तो कोई न कोई कमी दर्शाकर चालान कर दिया जाता हैं। ट्रैफिक पुलिस में तैनात होमगार्ड भी कम नहीं है। बताया जाता है कि मुख्य चौराहों पर ड्यूटी लगाने के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। कमाई वाले चौराहों पर ड्यूटी लगवानी हो तो विभाग में अधिकारियों से लेकर बाबुओं तक को खुश करना होता है। लेन-देन में जरा भी आनाकानी करने वालों को होमगार्ड के ही अधिकारी इधर से उधर कर देते हैं। उनके चहेतों की शिकायतें कितनी भी आती रहें, उन्हें हटाने के नाम तक नहीं लेते हैं। इसी का नतीजा है होमगार्ड चौराहों पर वसूली करने से नहीं चूकते हैं। चौकी चौराहा, सैटेलाइट चौराहा, ईसाइयों की पुलिया, गांधी उद्यान, डेलापीर चौराहा, समेत कई प्वाइंट ऐसे हैं जहां होमगार्ड और ट्रैफिक पुलिस वसूली करते दिखाई दे जाएंगे।

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होमगार्डों के सहारे शहर की पूरी यातायात व्यवस्था
शहर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने का जिम्मा यातायात पुलिस पर है, पर शहर में अधिकांश यातायात पुलिस के जवान नजर नहीं आते। अगर कोई सवाल उठाए तो स्टाफ की कमी का रोना रो दिया जाता है, पर अहम सवाल ये है कि कि क्या स्टाफ की कमी सिर्फ शहर के लिए है। शहर से बाहर दिल्ली हाईवे झुमका चौराहा, मिनी बाइपास, बड़ा बाईपास आदि जगहों पर दिन भर यातायात पुलिस ड्यूटी देती नजर आती है, इसके पीछे अवैध वसूली के भी आरोप लगते रहे हैं।

यहां अफसरों का संरक्षण प्राप्त पुलिसकर्मी कर रहे लूट
इन दिनों बीसलपुर रोड पर नवदिया झादा पर वाहनों की चेकिंग को लेकर लोग सबसे अधिक परेशान हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त पुलिसकर्मी ही लोगों को परेशान करते हैं। यदि ऐसा नहीं है तो नवदिया चौराहा पर तैनात यातायात पुलिस और थाना पुलिस की लगातार शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस अधिकारियों की इस कार्यशैली से लोग परेशान हैं।

मैंने खुद आज शहर के सभी चौराहों पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी चेक कराई है। दोपहर के समय सभी चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी नजर आए। शहर में स्टेडियम रोड और पीलीभीत बाईपास रोड पर कुछ जगहों पर अतिक्रमण हटाया गया था। संभवता हो सकता है कुछ मिनट के लिए पुलिस कर्मी वहां चले गए हों। -मो. अकमल खान, एसपी ट्रैफिक।

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