बरेली : तकनीक का सही उपयोग हो, न कि हम तकनीक के अधीन हो जाएं
एमजेपीआरयू में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रो एसबी सिंह ऑडिटोरियम में शुक्रवार को शिक्षा 5.0: तकनीकी और मानव मूल्य विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। शोधार्थियों ने विभिन्न तकनीकी सत्रों में भाग लिया और शोध पत्र पढ़े। संगोष्ठी का शुभारंभ सेमिनार डायरेक्टर प्रो. संतोष अरोड़ा आदि ने किया।
संगोष्ठी में विशेष आमंत्रित वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय से आईं प्रो. अमिता गुप्ता ने कहा कि तकनीक का सही उपयोग होना चाहिए, न कि हम तकनीक के अधीन हो जाएं। विशिष्ट वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. रजनी रंजन सिंह ने कहा कि तकनीक का आविष्कार मानव के कार्य करने की सहूलियत के लिए हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जिसने सदैव मूल्यों को महत्व दिया। पहले हम विद्या प्राप्त करने के लिए गुरु के पास जाते थे, फिर हम विद्या से शिक्षा की और चले गए और अब हम शिक्षा में भी केवल सूचना संप्रेषण तक सीमित हो गए। ऐसे में मनुष्य की मनुष्य से दूरी हो रही है और सोशल मीडिया पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, यह स्थिति ठीक नहीं है। तकनीक मनुष्य का विकल्प नहीं हो सकती, केवल मनुष्य की कार्य क्षमता बढ़ाने का एक माध्यम हो सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ फिजी के पूर्व प्रो. आरसी शर्मा ने कई प्रकार के एआई टूल्स के बारे में बताया और कहा, हम बिना तकनीक के आगे नहीं बढ़ सकते। आज सभी विद्यार्थी और शिक्षक तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. केपी सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि वह नवीन तकनीक की जानकारी एकत्र करें और उनको भारतीय समाज के अनुरूप प्रयोग करें। मशीन लर्निंग में मनुष्य मशीन न बने। संयोजक डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने सेमिनार के विषय के संदर्भ में भूमिका प्रस्तुत की। संगोष्ठी में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों से आए रिसोर्स पर्सन ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। शोधपत्र प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों को प्रोत्साहित किया। प्रथम दिन कई शोधार्थियों ने शोध पत्र पढ़े।
प्रो. अपर्णा गोडबोले, डॉ. किरणलता डंगवाल, प्रो. प्रवीण कुमार तिवारी, प्रो. गौरव राव, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी दिल्ली से प्रो. कौशल शर्मा, प्रो. यशपाल सिंह, प्रो. अंजू अग्रवाल, प्रो. सुधीर कुमार वर्मा, डॉ. तरुण, डॉ प्रतिभा सागर, डॉ. प्रेमपाल सिंह, डॉ. कीर्ति प्रजापति, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. रश्मि रंजन सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. रवेंद्र सिंह, डॉ ललित पांडे, डॉ. आभा त्रिवेदी ने भाग लिया। संचालन विमल कुमार ने किया। डॉ. राम बाबू सिंह ने आभार जताया। यह संगोष्ठी आईसीएसएसआर की ओर से वित्तपोषित है।
