यूपी के परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य, 5000 से अधिक शिक्षकों को फिर झटका
अयोध्या, अमृत विचार : शासन ने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य होगा। इसके चलते जनपद के पांच हजार से अधिक यूपी शिक्षकों को फिर बड़ा झटका लगा है।
मंगलवार देर रात जारी आदेश के तहत सुबह स्कूल शुरू होने के 1 घंटे तक ही शिक्षक उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। इसके बाद सिस्टम अपने आप लॉक हो जाएगा। जहां इंटरनेट की समस्या है, वहां ऑफलाइन मोड में उपस्थिति ली जाएगी, जो नेटवर्क आते ही ऑटोमैटिक ऑनलाइन सिंक हो जाएगी।
उपस्थिति दर्ज करने की जिम्मेदारी अब सिर्फ प्रधानाध्यापक की होगी। यदि प्रधानाध्यापक तकनीकी कारणों से उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाते हैं तो उनसे चार्ज लेकर किसी अन्य शिक्षक को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। किसी भी शिक्षक के खिलाफ बिना कारण बताओ नोटिस जारी किये और उनका पक्ष सुने बिना कोई कार्रवाई (वेतन कटौती/अनुशासनात्मक) नहीं की जाएगी।
इतना ही नहीं माध्यमिक शिक्षा में चल रही शिक्षक उपस्थिति की डिजिटल प्रणाली को अब बेसिक शिक्षा विभाग में भी लागू करने के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की जाएगी। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को तुरंत प्रभाव से सभी बीईओ, खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी करने की तैयारी में जुट गये हैं। अगले कुछ दिनों में सभी स्कूलों में नई उपस्थिति प्रणाली लागू कर दी जाएगी और तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पडेस्क भी सक्रिय किया जाएगा।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी ने कहा कि यह अभी भी अव्यवहारिक है। जब तक शिक्षक समुदाय की ईएल और सीएल का मुद्दा दुरुस्त नहीं होता तब तक इसका संचालन दुरुह है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा मंगलवार को आदेश दिया गया है। इसका पालन कराने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया जा रहा है। लालचंद, बीएसए
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सोर्स : अयोध्या कार्यालय
