विश्वविद्यालय परिसरों में आवारा कुत्तों की रोकथाम अनिवार्य, नोडल अधिकारी करने होंगे नियुक्त

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को परिसरों में आवारा कुत्तों के प्रवेश और निवास को रोकने के लिए तत्काल एवं प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के 7 नवंबर 2025 के आदेश के अनुपालन में जारी किए गए हैं, जिसमें संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई थी।

यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को चार प्रमुख कदम अनिवार्य रूप से लागू करने होंगे। पहला, प्रत्येक शिक्षण संस्थान अपने परिसर की स्वच्छता और देखरेख के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि आवारा कुत्ते परिसर में प्रवेश न करें या निवास न करें। नोडल अधिकारी का विवरण मुख्य द्वार पर प्रदर्शित किया जाएगा और स्थानीय नगर निकाय को भी सूचित किया जाएगा। 

दूसरा, छात्रों और कर्मचारियों के लिए जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें जानवरों के आसपास सुरक्षित व्यवहार, कुत्ते के काटने की स्थिति में प्राथमिक उपचार और तत्काल रिपोर्टिंग की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। तीसरा, स्टेडियमों और खेल परिसरों में चौबीसों घंटे सुरक्षा या ग्राउंड-कीपिंग कर्मियों की तैनाती की जाएगी, ताकि आवारा कुत्तों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा सके। 

चौथा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप अन्य सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। यूजीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में पशु कल्याण समितियों से संबंधित पूर्व जारी सलाह को भी इस आदेश के अनुरूप लागू किया जाएगा। सभी संस्थानों से अपेक्षा की गई है कि वे उठाए गए कदमों का विवरण निर्धारित ऑनलाइन लिंक के माध्यम से यूजीसी को शीघ्र उपलब्ध कराएं। 

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