अभियान : मंडल में साइबर ठगों पर चल रहा चाबुक, बरेली में आठ मुकदमे दर्ज

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। डीआईजी बरेली रेंज अजय साहनी के निर्देश पर दिसंबर माह में मंडल के जिलों में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने बड़ा अभियान चला रखा है। ऑनलाइन स्टॉक मार्केट निवेश और गेमिंग ऐप, साइबर स्लेवरी के नाम पर चल रहे साइबर सिंडीकेट का शाहजहांपुर और पीलीभीत पुलिस ने भंड़ाफोड़ कर दिया, जबकि बरेली पुलिस ऐसे मामलों में अब तक आठ मुकदमे दर्ज कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम बेचने वाले एजेंटों और दुकानदारों पर भी कार्रवाई की है।

साइबर फ्राड और ठगी के अपराधियों के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान शाहजहांपुर और पीलीभीत पुलिस ने 69 लैपटॉप, 34 लैपटॉप चार्जर, 9 की-बोर्ड, 6 माउस, 1 प्रिंटर, 1 यूपीएस, 4 एलईडी टीवी, 1 सीपीयू, 10 मोबाइल फोन, 4 वाई-फाई सेटअप, 26 नए सिम, 10 खुली सिम, 1 बैंक ऑफ इंडिया का क्यूआर कोड, 2 चेकबुक बरामद किए हैं। बरेली परिक्षेत्र की साइबर क्राइम सेल ने सबसे पहले प्रतिबिंब पोर्टल पर चिह्नित संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। इसमें पता लगा कि एसएलजी डीआईजीआई प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शाहजहांपुर के जलालाबाद में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। साइबर ठग 77 डाटा. नेट वेबसाइट से 1000 मोबाइल नंबरों का डेटा 5000 रुपये में खरीदते थे। इन नंबरों पर ग्लोबल ट्रेड नाम की फर्जी कंपनी बनाकर कॉल की जाती थी। इस गैंग ने अब तक 50 मोबाइल नंबर और 13 से अधिक बैंक खातों का उपयोग देशभर में साइबर ठगी के लिए किया था।

डीआईजी ने बताया कि पीलीभीत में घुंघचाई थाना क्षेत्र स्थित अजितपुर बिल्हा गांव में फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड़ किया गया। यहां से 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें गैंग का मास्टरमाइंड अमृतपाल 2024 में दुबई गया था। प्रतिबंधित गेमिंग वेबसाइट जैसी साइट्स के जरिये ठगी का तरीका सीखकर लौटा था। अमृतपाल और उसके साथी फेसबुक, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम पर गेमिंग विज्ञापन चलाकर लोगों को लुभाते थे। लिंक पर क्लिक करते ही गिरोह को मोबाइल नंबर और डिवाइस की जानकारी मिल जाती थी। शुरुआत में लोगों को जानबूझकर जितवाया जाता, ताकि भरोसा बन सके। जैसे ही पीड़ित बड़ी रकम लगाने लगाता, उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता और ठगी की रकम पहले से तय किराये के खातों में ट्रांसफर कर ली जाती।

डीआईजी बोले, लालच, लिंक और अनजान कॉल से रहें दूर
डीआईजी अजय साहनी ने कहा कि डिजिटल दुनिया में भी कानून का शिकंजा और जनता की सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। अब तक रेंज में जितने गैंग पकड़े गये हैं। उनका नेटवर्क यूपी से उत्तराखंड, दिल्ली और दुबई समेत कई देशों तक फैला हुआ है। अभियान के हिस्से के रूप में बरेली पुलिस ने दिसंबर माह में साइबर ठगी से जुड़े आठ मुकदमे दर्ज किए हैं। बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम बेचने वाले एजेंटों और दुकानदारों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे विक्रेताओं को चिन्हित कर उनकी आईडी, रजिस्ट्रेशन और बिक्री रिकॉर्ड की जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में साइबर ठगी के लिए सिम सप्लाई चेन पूरी तरह तोड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि लालच, लिंक और अनजान कॉल से दूर रहें।

 

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