Gonda News: बिसुनापुर बेलभरिया मामले में एक और राजस्व निरीक्षक निलंबित, विभागीय कार्रवाई शुरू
गोंडा, अमृत विचार। उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्डपीठ लखनऊ में विचाराधीन एक जनहित याचिका के अनुपालन में प्रस्तुत आख्या में तथ्य छिपाने के मामले में सदर तहसील के बिसुनापुर बेलभरिया गांव के मामले में एक और राजस्व निरीक्षक पर कार्रवाई की गयी है। गांव के तत्कालीन लेखपाल रहे जावेद अख्तर को एसडीएम की संस्तुति पर जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया है।
साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारम्भ करने के आदेश दिए गए हैं। जावेद अख्तर पदोन्नति के बाद राजस्व निरीक्षक बन गए हैं और वर्तमान में वह तरबगंज तहसील में तैनात हैं। इसके पहले इस मामले में तहसील सदर क्षेत्र के सुसंगवा हलके के लेखपाल अभिजीत कुमार तथा राजस्व निरीक्षक दिनेश प्रताप तिवारी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
प्रकरण ग्राम विशुनापुर बेलभरिया तहसील व जिला गोण्डा स्थित गाटा संख्या 731/0.0730 हेक्टेयर से जुड़ा है, जो अभिलेखों में रास्ते के रूप में दर्ज है। आरोप है कि हुज्जत खां पुत्र अब्बास खां द्वारा उक्त गाटे के आंशिक भाग पर अवैध कब्जा कर पक्का मकान बनाया गया था। इस संबंध में तहसीलदार गोण्डा सदर द्वारा धारा 67(1) उ०प्र० राजस्व संहिता-2006 के तहत बेदखली व क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया था।
जांच में सामने आया कि तत्कालीन लेखपाल जावेद अख्तर ने आरसी प्रपत्र-19 में अवैध अतिक्रमण का रकबा मात्र 24 वर्गमीटर दर्शाया, जबकि मौके पर वास्तविक अवैध कब्जा 41.83 वर्गमीटर पाया गया। अपूर्ण व भ्रामक सूचना के आधार पर उच्च न्यायालय में निर्देश/प्रतिशपथपत्र दाखिल किया गया, जिससे न्यायालय के समक्ष असहज स्थिति उत्पन्न हुई।
उप जिलाधिकारी सदर के निर्देश पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में कराई गई स्थलीय व अभिलेखीय जांच में लापरवाही की पुष्टि हुई। इसे राजकीय कर्तव्यों के प्रति घोर उदासीनता मानते हुए प्रशासन ने निलंबन की कार्रवाई की है। जावेद अख्तर को भूलेख कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
