बड़ा सोचें, बड़ा बनें: पीयूष गोयल की एमएसएमई को प्रेरणादायक अपील, कहा- सरकार देगी पूरा साथ

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सूक्ष्म, छोटे एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सरकार की तरफ से मदद का पूरा आश्वासन देते हुए उनसे बड़ा सोचना और बड़े की चाहत रखने की अपील की है। गोयल ने सोमवार रात एमएसएमई संगठन 'सीआईएमएसएमई' के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के भावी विकास का निर्णय एमएसएमई की मजबूती के आधार पर तय होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र के उद्यमों के लिए दुनिया के विकसित देशों के बड़ बाजारों के दरवाजे खोल रही है। 

छोटे से बड़े बनने का मंत्र

उन्होंने संगठन से अपने सदस्यों की इस प्रकार मदद करने की अपील की जिससे सूक्ष्म उद्यम लघु उद्यम बने सकें, लघु उद्यम मझौले और मझौले उद्यम बड़े बन सकें। उन्होंने कहा, "बड़ा सोचें, बड़े की चाहत रखें। न्यूजीलैंड के साथ सोमवार को संपन्न मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा फायदा एमएसएमई सेक्टर को होगा।

पहले और अब की तुलना: छोटे उद्यमियों को मिली राहत

पिछली सरकारों और मौजूदा सरकारों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि पहले बैंक बड़े उद्यमियों को सस्ता कर्ज देते थे और बड़े ऋण की वसूली में भी दिक्कत आती थी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को हर साल 80 हजार करोड़ रुपये का संयुक्त नुकसान हो रहा था। एनपीए, पुनर्गठित ऋण और फंसी हुई परिसंपत्ति मिलाकर 10 प्रतिशत से अधिक थी। वहीं, इसकी भरपाई एमएसएमई और अन्य छोटे ऋण लेने वालों पर ऊंचा ब्याज लगाकर की जाती थी। उन्हें 18-20 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता था। गोयल ने कहा कि मोदी सरकार बनने के एक साल के भीतर मुद्रा योजना लायी गयी। कोरोना महामारी के समय सरकारी गारंटी पर एमएसएमई को सस्ता ऋण दिया गया। ठेले-खोमचे लगाने वालों के लिए छोटे ऋण वाली स्वनिधि योजना लाई गयी। 

एमएसएमई को सम्मान

उन्होंने कहा कि दुनिया इस समय भारत की तरफ देख रही है। इस समय देश की अर्थव्यवस्था चार लाख करोड़ डॉलर की है और साल 2047 तक हम आठ गुना बढ़कर 30-35 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जायेंगे। केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सहयोगी संगठनों को एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई बैंकिंग एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 से सम्मानित किया। सीआईएमएसएमई के अध्यक्ष मुकेश मोहन गुप्ता ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर एमएसएमई मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. राजनेश भी मौजूद थे।

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