Bareilly: चर्च की जमीनें बेचकर अरबों के घोटाले में सचिव ने जवाब भेजा

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Published By Monis Khan
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बरेली,अमृत विचार। मेथोडिस्ट चर्च की जमीनों को बेचकर 20 अरब रुपये का घोटाला करने के आरोप में तहसीलदार सदर भानु प्रताप की ओर से जारी नोटिस का एक्जीक्यूटिव सचिव पादरी परमंदिर मैसी ने शुक्रवार को जवाब भेज दिया। तहसीलदार सदर को सात बिंदुओं पर भेजे जवाब में परमंदिर मैसी ने नोटिस के सभी आरोप गलत, काल्पनिक व कानून की दृष्टि से गलत बताए हैं। कहा है कि नोटिस में न बेची गई संपत्ति का विवरण और वर्णन है और न ही विक्रय विलेखों का विवरण। जिनसे 20 अरब रुपये की कथित विक्रय राशि प्राप्त हुई थी।

सचिव ने जवाब में पादरी एल्बर्ट बेंजामिन के वेतन के संबंध में कहा है कि अल्बर्ट बेंजामिन को बर्खास्त कर दिया था, वे इस प्रकार के आवेदन प्रस्तुत करने के आदी हैं ताकि चर्च के अधिकारियों की गरिमा को नुकसान पहुंचाया जा सके। चर्च के नियमों के अनुसार इस पद के लिए वेतन का कोई प्रावधान नहीं है। आम जनता द्वारा दिए गए दान को प्राप्त करने के हकदार हैं, इसलिए वेतन का प्रश्न ही नहीं उठता। शिकायतकर्ता के गलत कृत्यों से अत्यधिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। वह शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

दरअसल, पादरी एल्बर्ट बेंजामिन ने बीते दिनों डीएम से शिकायत की थी कि मेथोडिस्ट चर्च ने उन्हें कभी पूरा वेतन नहीं दिया। 2 अक्टूबर 2019 को लिखित रूप से बताया कि मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया का कोषागार कार्यालय बंद हो गया। क्षेत्रीय खजांची और केंद्रीय खजांची को पत्र लिखकर पूछा कि 20 अरब रुपये की चर्च की जो जमीनें बेची गईं, उसका पैसा किस खाते में जमा किया लेकिन नहीं बताया था। मामले में डीएम अविनाश सिंह ने तहसीलदार सदर भानु प्रताप सिंह को जांच के निर्देश दिए थे। इस प्रकरण में डीएम ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटी एवं चिट्स को जांच सौंपी है।

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