Congress Working Committee: बिहार चुनाव में हार के बाद पहली बार साथ आए सभी नेता, दिल्ली में शुरू हुआ मंथन, तय होगा कांग्रेस का एक्शन प्लान
नई दिल्लीः दिल्ली में आज यानी की 27 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष और सांसद राहुल गांधी इस बैठक का नेतृत्व करेंगे।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की इस बैठक में शिरकत करने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी पहुंचे हैं। इसके अलावा CWC की बैठक में शामिल होने हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आए हैं। कांग्रेस की इस नीति निर्धारक मीटिंग में देश के ताजा राजनीतिक हालातों पर चर्चा की जाएगी और आगे के प्लान तैयार किए जाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की कार्य समिति की बैठक में कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है, गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छुरा घोंपा है। इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों ने पूरे देश को चिंता व्यक्त की है और इस हमले की कड़ी निंदा की।
कांग्रेस का आरोप है कि ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ के माध्यम से मनरेगा को खत्म किया गया है और योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना राष्ट्रपिता का अपमान है। पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते 20 दिसंबर को कहा था कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है और करोड़ों किसानों, श्रमिकों एवं भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी नए ‘काले कानून’ के खिलाफ लड़ाई को प्रतिबद्ध है। संसद से जी राम जी विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि मनरेगा का सिर्फ नाम नहीं बदला जा रहा है, बल्कि इस योजना की ‘‘योजनाबद्ध हत्या’’ की जा रही है तथा विदेशी धरती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर फूल चढ़ाना सिर्फ दिखावा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि जी राम जी अधिनियम प्रदेशों एवं गांवों के खिलाफ है तथा इसे वापस लेने के लिए सरकार को विवश करने के मकसद से एक राष्ट्रव्यापी मोर्चा बनाया जाएगा। संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच बीते 18 दिसंबर को ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संतुति के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा।
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