Congress Working Committee: बिहार चुनाव में हार के बाद पहली बार साथ आए सभी नेता, बोले राहुल- प्रधानमंत्री कार्यालय ने मनरेगा खत्म करने का फैसला कैबिनेट से बिना पूछे किया

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Published By Muskan Dixit
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री कार्यालय ने मनरेगा खत्म करने का फैसला कैबिनेट से बिना पूछे किया: राहुल नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म करने का फैसला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय ने किया और ऐसा करते समय कैबिनेट एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से विचार-विमर्श नहीं किया गया।

गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि यह अधिकार आधारित परिकल्पना थी। योजना को खत्म करना इस परिकल्पना पर आक्रमण है।" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का कदम देश के संघीय ढांचे कर हमला और सत्ता एवं वित्तीय व्यवस्था का केंद्रीकरण है।

राहुल गांधी ने कहा, "मंत्री (शिवराज) और कैबिनेट से बिना पूछे यह निर्णय लिया गया है और सीधा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा यह निर्णय लिया गया। " उन्होंने कहा, " ‘वन मैन शो’ चल रहा है, मोदी जो चाहते हैं वही करते हैं।" संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच बीते 18 दिसंबर को ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संतुति के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा। 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की कार्य समिति की बैठक में कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है, गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छुरा घोंपा है। इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों ने पूरे देश को चिंता व्यक्त की है और इस हमले की कड़ी निंदा की।

कांग्रेस का आरोप है कि ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ के माध्यम से मनरेगा को खत्म किया गया है और योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना राष्ट्रपिता का अपमान है। पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते 20 दिसंबर को कहा था कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है और करोड़ों किसानों, श्रमिकों एवं भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी नए ‘काले कानून’ के खिलाफ लड़ाई को प्रतिबद्ध है। संसद से जी राम जी विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि मनरेगा का सिर्फ नाम नहीं बदला जा रहा है, बल्कि इस योजना की ‘‘योजनाबद्ध हत्या’’ की जा रही है तथा विदेशी धरती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर फूल चढ़ाना सिर्फ दिखावा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि जी राम जी अधिनियम प्रदेशों एवं गांवों के खिलाफ है तथा इसे वापस लेने के लिए सरकार को विवश करने के मकसद से एक राष्ट्रव्यापी मोर्चा बनाया जाएगा। संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच बीते 18 दिसंबर को ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संतुति के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा। 

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