शोध प्रस्तुतियों के साथ गणित को रुचिकर बनाने पर हुआ मंथन, लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जुटे देश-विदेश के गणितज्ञ

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार : गणित को रुचिकर बनाने से लेकर विज्ञान और तकनीक पर उच्च स्तरीय शोध प्रस्तुतियाँ भारतीय गणितीय समाज के दूसरे दिन का मुख्य विषय रही। लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित 91वें वार्षिक सम्मेलन में मुख्य व्याख्यान, स्मृति पुरस्कार व्याख्यान, संगोष्ठियाँ, विशेष सत्र और समानांतर शोध-पत्र प्रस्तुतियाँ शामिल थीं।

प्रो. दिपेन्द्र प्रसाद (गणित विभाग, आईआईटी बॉम्बे) ने अभिव्यक्ति सिद्धांत पर गहन सैद्धांतिक विचार प्रस्तुत किए। पी. एल. भटनागर स्मृति पुरस्कार व्याख्यान में प्रो. राजेन कुमार सिन्हा (आईआईटी गुवाहाटी) ने अपने दृष्टिकोण साझा किए। बीजगणितीय प्रगति पर संगोष्ठी का संचालन प्रो. मीना सहाई (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने किया, जिसमें समूह बीजगणित, क्रिप्टोग्राफी, रैखिक कोड्स और कम्यूटेटर आइडेंटिटीज़ पर आमंत्रित व्याख्यान हुए। ऑपरेशन तकनीकें विषय पर संगोष्ठी का संचालन प्रो. एस. के. उपाध्याय (आईआईटी वाराणसी) ने किया, जिसमें ऑपरेटर सिद्धांत, ट्रांसफॉर्म विधियाँ और स्यूडो-डिफरेंशियल ऑपरेटरों पर चर्चा हुई।

ए. एम. माथाई पुरस्कार व्याख्यान में डॉ. तनमय सरकार (आईआईटी जम्मू), सुभाष भट्ट पुरस्कार व्याख्यान में डॉ. हिमाद्रि हालदार (आईआईटी बॉम्बे) और गणेश प्रसाद स्मृति पुरस्कार व्याख्यान में प्रो. एस. पोनुसामी (आईआईटी मद्रास) ने क्रमशः अपने विचार प्रस्तुत किए।

विशेष सत्र में गणित की दुरूहता और इसे हाई स्कूल तथा 2 स्तर पर रुचिकर बनाने पर चर्चा हुई। शिक्षकों और शोधकर्ताओं ने नवाचारी शिक्षण पद्धतियाँ, व्यावहारिक अधिगम और गणितीय भय को दूर करने के उपाय साझा किए।

आज रविवार को हंसराज गुप्ता स्मृति पुरस्कार व्याख्यान, आमंत्रित व्याख्यान और समानांतर संगोष्ठियाँ आयोजित होंगी। पुरस्कार व्याख्यान, आमंत्रित वार्ताएँ और शोध-पत्र प्रस्तुतियों से प्रतिभागियों के बीच जीवंत शैक्षणिक आदान-प्रदान जारी रहेगा।

संबंधित समाचार