स्वच्छ रैंकिंग ने बढ़ाया मान... देश में मिला तीसरा स्थान, अधिकारों की लड़ाई से मचा घमासान
अधिकारों को लेकर महापौर-नगर आयुक्त के बीच विवाद ने कराई किरकिरी। पहली बार खुद के पार्षदों ने ही निभाई विपक्ष की भूमिका, महापौर का खुलकर किया विरोध।
गोपाल सिंह, लखनऊ, अमृत विचार : वर्ष 2025 में स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में देश में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर नगर निगम का तो मान बढ़ा, लेकिन पहले महापौर व पार्षदों और फिर नगर आयुक्त व महापौर के बीच घमासान ने निगम की खास को बट्टा भी लगाया। इस घमासान के कारण शहर के विकास का पहिया भी जाम रहा। नगर निगम के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब भाजपा के 80 में से आधे से अधिक पार्षद अपनी ही दल की महापौर के खिलाफ हो गए। भाजपा संगठन से लेकर उच्च स्तर के नेताओं के हस्तक्षेप के बाद सुलह हो पाई।
इस वर्ष की सबसे सुखद बात ये रही कि, नगर निगम के नए मुख्यालय भवन की नींव पड़ गई। अभी नगर निगम का मुख्यालय लालबाग में रेलवे के भवन में है। ये भवन जर्जर हो चुका है। स्थिति यह है कि यहां बारिश में छत से पानी टपकने और फाल्स सीलिंग गिरने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कर्मचारी संगठनों की मांग पर महापौर सुषमा खर्कवाल ने मुख्यालय के लिए गोमती नगर स्थित केंद्रीय कार्यशाला में जमीन चिन्हित की। यहां 120 करोड़ से पांच मंजिला मुख्यालय बनाने के लिए भूमि पूजन हो चुका है। टेंडर प्रक्रिया चल रही है, नए वर्ष के पहले महीने निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।
लखनऊ को मिलेगी मनोरथा गोशाला की सौगात
गौवंशों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अयोध्या रोड के उत्तरधौना में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मनोरथा गोशाला का निर्माण करा रहा है। यहां स्विट्जरलैंड की तर्ज पर कई नस्ल की गायें खुले में विचरण करेंगी। इसके अलावा यहां म्यूजियम भी बनेगा, जहां विभिन्न नस्लों की गायों के बारे में दर्शक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। अभी नगर निगम की नादरगंज स्थित कान्हा उपवन गौशाला में 10,000, राधा गौशाला में 400, लक्ष्मण गौशाला में करीब 450 गोवंश रखने की क्षमता है।
कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल
मुंबई और हैदराबाद की तर्ज पर लखनऊ नगर निगम कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए जोन-8 के औरंगाबाद खालसा में वर्किंग वूमेन हॉस्टल का निर्माण करा रहा है। जल निगम के सीएंडडीएस को यह काम दिया गया है। हॉस्टल के भूतल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस हॉस्टल में उन कामकाजी महिलाओं जिनके पास रहने की व्यवस्था नहीं है, आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम का प्रस्ताव पास
आवारा कुत्तों के आतंक को देखते हुए आम जनता को राहत देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर लखनऊ नगर निगम सभी जोन में शेल्टर होम बनाएगा। आवारा कुत्तों के काटने से बच्चों सहित कई लोगों की मृत्यु होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश जारी किया था। नगर निगम ने सदन में शेल्टर होम बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। आवारा कुत्तों को पकड़कर इन शेल्टर होम में रखा जाएगा। अभी नगर निगम का अमौसी में 300 कुत्तों को रखने के लिए एबीसी सेंटर निर्माणाधीन है। इसके अलावा जरहरा में 350 डॉग क्षमता का शेल्टर होम संचालित है।
सीएम ग्रिड योजना की 7 सड़कें यात्रियों को देंगी राहत
शहर के 7 स्थानों पर नगर निगम सीएम ग्रिड योजना के तहत सड़कें बना रहा है। 2026 में फरवरी तक इन मार्गों पर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे। सड़कों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लगभग 10 प्रतिशत काम बचा है, जिसे अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। इन सड़कों के साथ-साथ जलनिकासी के लिए नाला और डक्ट बनाए गए हैं। इनमें सभी तार अंडरग्राउंड रहेंगे। सड़क बार-बार खोदनी नहीं पड़ेगी। पैदल राहगीरों के लिए फुटपाथ और बैठने के लिए बेंच रहेंगी।
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गंभीर होती जा रही जलभराव की समस्या
शहर में जलनिकासी न हो पाने से जलभराव की समस्या दिन पर दिन गंभीर होती जा रही है। नगर आयुक्त रहे इन्द्रजीत सिंह के भरसक प्रयास के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया। बारिश शुरू होते ही नगर निगम के अधिकारियों से लेकर जनता को जलभराव का डर सताने लगता है। कुछ देर की बारिश में ही मुख्य मार्गों से लेकर गलियों में घुटनों तक पानी भर जाता है। नगर निगम जलभराव से निपटने के लिए केवल कार्ययोजना बनाने तक सीमित है। जानकारों का कहना है कि शहर के मुख्य नालों पर अतिक्रमण और सिल्ट की सफाई न होने से जलभराव की समस्या है।
अतिक्रमण और जाम से राहत कब मिलेगी
शहर में मुख्य मार्गों पर दुकानदारों का अतिक्रमण और वाहनों के जाम से जनता रोज जूझती है। लेकिन इस समस्या से जल्द राहत मिलने के आसार कम हैं। भीड़भाड़ वाले बाजारों में ठेले वाले और दुकानदारों के अतिक्रमण के लिए नगर निगम और पुलिस एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि दोबारा अतिक्रमण न हो यह जिम्मेदारी पुलिस की है। इसके लिए नगर निगम सम्बंधित थाने को पत्र देकर सूचित करता है। विभागों की जवाबदेही तय किये बिना और अतिक्रमण करने वालों पर सख्त कार्रवाई से ही अतिक्रमण और जाम की समस्या का समाधान हो सकता है।
जाम, जलभराव से भी निजात जल्द: महापौर
महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि शहर में कई विकास कार्य चल रहे हैं। नगर निगम मुख्यालय की नई बिल्डिंग का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। इसके अलावा वर्किंग वूमेन हॉस्टल भी बन रहा है। शहर में जलभराव की समस्या के लिए नगर निगम जल्द ही प्लान तैयार करेगा। अतिक्रमण और जाम की समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
