‘क्या 33 बूथ अधिकारियों की मौत होना ठीक है’? सिब्बल ने सरकार पर निशाना साधा

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Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने देश के विभिन्न हिस्सों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में लगे बूथ अधिकारियों की मौत को लेकर सोमवार को सरकार पर तंज कसा, साथ ही प्रश्न किया कि अगर एक भी कथित ‘‘घुसपैठिया’’ ठीक नहीं तो क्या बूथ अधिकारियों की मौत ठीक है?’’ सिब्बल ने यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के मृत पाए जाने के एक दिन बाद की है। बीएलओ की मौत के बाद ऐसे आरोप लग रहे हैं कि एसआईआर से जुड़े कार्य-संबंधी दबाव के कारण उसकी मौत हुई।

सिब्बल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ बंगाल के एक और बीएलओ ने आत्महत्या कर ली। पूरे भारत में कुल संख्या 33 हुई। अगर एक भी कथित 'घुसपैठिए' ठीक नहीं तो क्या 33 बीएलओ का मरना ठीक है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने कहा था कि सरकार देश से घुसपैठियों को बाहर निकालेगी साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ राजनीतिक दल एसआईआर का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने रहें। पश्चिम बंगाल के रानीबांध ब्लॉक में एक बीएलओ की मौत की घटना सामने आई जहां रविवार सुबह एक स्कूल परिसर से हरधन मंडल का शव बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडल एक स्कूल शिक्षक थे और रानीबांध ब्लॉक के राजकाटा क्षेत्र के बूथ नंबर 206 के बीएलओ के रूप में कार्यरत थे।’’

अधिकारी के अनुसार, घटनास्थल से मृतक के हस्ताक्षर वाला एक नोट बरामद हुआ जिसमें उसने कथित तौर पर बीएलओ के रूप में काम के दबाव से निपटने में असमर्थ होने का जिक्र किया था।

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