IIT Kanpur : पूर्व छात्रों ने कानपुर आईआईटी को 100 करोड़ रुपये देने का लिया संकल्प

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Published By Deepak Mishra
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कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर (आईआईटी-के) के 2000 बैच के पूर्व छात्रों ने अपने इस संस्थान को सौ करोड़ रुपये देने का संकल्प लिया है। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के अनुसार, रविवार देर शाम परिसर में आयोजित रजत जयंती पुनर्मिलन समारोह के दौरान वर्ष 2000 बैच के पूर्व छात्रों ने अपने शिक्षण संस्थान को 100 करोड़ रुपये देने का संकल्प लिया है। 

इसमें कहा गया है कि यह देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में किसी एक बैच द्वारा दिया गया अब तक का सबसे बड़ा दान है। यह संकल्प आईआईटी-के के बैच की गहरी कृतज्ञता और संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान क्षमताओं और सामाजिक प्रभाव को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वर्ष 2000 के बैच को "सहस्राब्दी बैच" भी कहा जाता है। 

उसने प्रस्ताव दिया है कि इस दान का उपयोग आईआईटी-के में ‘मिलेनियम स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड सोसाइटी’ (एमएसटीएएस) की स्थापना के लिए किया जाए। यह घोषणा रजत जयंती पुनर्मिलन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थी, जिसमें पूर्व छात्र अपने साथियों, संकाय सदस्यों और संस्थान के साथ फिर से जुड़ने के लिए परिसर में आए थे। कानपुर आईआईटी के निदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने इस संकल्प को संस्थान और उसके पूर्व छात्रों के बीच अटूट बंधन की सशक्त पुष्टि बताया।

उन्होंने कहा, “100 करोड़ रुपये का यह उल्लेखनीय योगदान हमारे शैक्षणिक और अनुसंधान तंत्र को मजबूत करता है।” वर्ष 2000 बैच के पूर्व छात्र नवीन तिवारी ने कहा कि इस संस्था ने न केवल करियर बल्कि सोच को भी आकार दिया है। उन्होंने कहा, “आईआईटी-के ने हमें बड़े सपने देखने, मान्यताओं पर सवाल उठाने और उद्देश्यपूर्ण निर्माण करने का साहस दिया।” बैच समन्वयक तमाल दास ने कहा, “ सौ करोड़ रुपये देने का हमारा संयुक्त संकल्प हमारे साझा मूल्यों और अपने संस्थान के साथ हमारे अटूट संबंध को दर्शाता है। ” 

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