Cough Syrup Scandal : अमेठी के ड्रग इंस्पेक्टर कमलेश मिश्र निलंबित, जानिये क्यों
लखनऊ, अमृत विचार : कफ सिरप मामले में मीडिया को बयान देने के मामले में अमेठी के ड्रग इंस्पेक्टर कमलेश मिश्र को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है, वहीं मामले की जांच के लिए सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ को नामित किया गया है। खाद्य सुरक्षा आयुक्त की संस्तुति के बाद शासन ने कार्रवाई की है।
मालूम हो कि कमलेश मिश्र द्वारा मीडिया में अनाधिकृत रूप से बयान दिया गया था, जिसमें छोटे औषधि विक्रेताओं पर कार्रवाई की बात कही गई थी, उक्त बयान को शासन ने अनुशासन हीनता माना और निलंबित कर दिया।
कफ सिरप कांड के बाद FSDA का अलर्ट
कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध नेटवर्क को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कड़ा सत्यापन, वास्तविक समय निगरानी और सख्त जवाबदेही नियमों समेत दवाओं की थोक बिक्री की लाइसेंसिंग प्रणाली को दुरुस्त करने का प्रस्ताव किया है। FSDA के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि ये प्रस्ताव शासन के पास भेजे गए हैं। जबकि अलग से सिफारिशें केंद्र के पास भेजी गई हैं।
FSDA ने ये प्रस्ताव ऐसे समय में भेजे हैं जब फर्जी बिलों के जरिए व्यापक स्तर पर दवाओं की आपूर्ति पर कार्रवाई की जा रही है। एफएसडीए द्वारा प्रस्तावित प्रमुख उपायों में थोक बिक्री करने वाले दवा प्रतिष्ठानों की जियो टैगिंग, लाइसेंसशुदा स्टोरेज क्षमता का अनिवार्य सत्यापन, परिसरों और स्टॉक का फोटो खींचकर दस्तावेज तैयार करना और दवा निरीक्षकों द्वारा तकनीकी कर्मचारियों के अनुभव प्रमाण पत्रों का प्रमाणन शामिल हैं।
विभाग ने कोडीन युक्त कफ सिरप के विनिर्माण, थोक आपूर्ति, वितरण और निगरानी के संबंध में नई केंद्रीय अधिसूचनाएं और एक समान दिशानिर्देश का भी अनुरोध किया है। क्योंकि मौजूदा नियम दुरुपयोग रोकने में नाकाफी साबित हुए हैं। बताया गया कि वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराई गई कोडीन युक्त कफ सिरप की मात्रा, वास्तविक चिकित्सीय जरूरतों से कई गुना अधिक थी।
इस अवधि में 3.25 करोड़ से अधिक बोतलों की आपूर्ति की गई। अभी तक पुलिस और एफएसडीए ने 36 जिलों में 161 फर्मों और परिचालकों के खिलाफ बीएनएस और एनडीपीएस अधिनियम के तहत 79 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 85 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
