बरेली: तस्वीरें खोलेंगी मन की गांठ, बच्चे होंगे स्वस्थ
रजनेश सक्सेना, बरेली। कहते हैं परिवार का खुशनुमा माहौल बच्चों के जीवन को खुशी से भरने के लिए काफी होता है। वहीं, अगर परिवार में मां-बाप के आपसी झगड़े, समान तरीके से प्यार न देना, दूसरे बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करना जैसी चीजें शुरू हो जाएं तो इसका सीधा असर उनके दिमाग पर …
रजनेश सक्सेना, बरेली। कहते हैं परिवार का खुशनुमा माहौल बच्चों के जीवन को खुशी से भरने के लिए काफी होता है। वहीं, अगर परिवार में मां-बाप के आपसी झगड़े, समान तरीके से प्यार न देना, दूसरे बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करना जैसी चीजें शुरू हो जाएं तो इसका सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ता है।
बच्चे किसी से कुछ कह तो नहीं पाते मगर धीरे-धीरे मानसिक तौर पर बीमार जरूर होने लगते हैं। उनकी इस बीमारी को कोई समझ भी नहीं पाता। इसी का इलाज करने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने एक खास तरीका अपनाना शुरू किया है। इस तरह के बच्चों को मनोवैज्ञानिक अब समस्याओं से जुड़ी कुछ तस्वीरें दिखाकर उनका इलाज करेंगे।
मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की विशेषज्ञ याशिका वर्मा ने बताया कि उनकी टीम लगातार स्कूलों में जाकर बच्चों की काउंसिलिंग करती है। वे इस बात को जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चे कहीं किसी मानसिक समस्या से तो नहीं जूझ रहे। स्कूलों में जाने पर पता चला कि बच्चे मनोवैज्ञानिकों के सामने कुछ भी खुलकर बोलने से झिझकते हैं या अपनी पूरी समस्या को सही से नहीं बता पाते, इसलिए उनकी काउंसिलिंग करने में मनोवैज्ञानिकों को समस्याएं आती हैं।
इसलिए अब उन्होंने कुछ तस्वीरें तैयार की हैं जो बच्चों की समस्याओं से जुड़ी हुई हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ये तस्वीरें जब बच्चों को दिखाई जाएंगी तो वह उन तस्वीरों में खुद को महसूस करेंगे जिसकी वजह से उनका हाव-भाव बदला हुआ नजर आएगा। इस तरह उनकी समस्याओं को चुटकियों में पकड़ लिया जाएगा और उनकी काउंसिलिंग आसानी से की जा सकेगी।
मां-बाप के झगड़े का बच्चों के दिमाग पर पड़ता है सीधा असर
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि परिवार में मां-बाप के झगड़े का सीधा असर बच्चों के दिमाग को प्रभावित करता है, इसलिए उन्होंने इस तरह की भी एक तस्वीर तैयार की है जिसमें दिखाया गया है कि मां-बाप आपस में झगड़ रहे हैं और बच्चा मायूस बैठा है। वह उस लड़ाई से मानसिक तौर पर परेशान है। इसी के साथ एक और तस्वीर तैयार की है जिसमें मां अपने एक बच्चे को ट्रॉफी जीतने पर प्रोत्साहित कर रही है तो दूसरे को डांट रही है। इससे भी बच्चों के दिमाग पर खास असर पड़ता है।
