बरेली: गुरुजी धरने पर बैठे, छात्रों की परीक्षा रद्द
अमृत विचार, बरेली। इस्लामियां इंटर कॉलेज में पूर्व प्रधानाचार्य की बर्खास्तगी के विरोध में शिक्षक कॉलेज परिसर में ही धरने पर बैठ गए। शिक्षकों के धरने की वजह से परीक्षा को आगे बढ़ाना पड़ा। इससे परीक्षा देने कॉलेज आए छात्रों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। अब बुधवार यानी आज परीक्षा कराई जाएगी। शिक्षकों के …
अमृत विचार, बरेली। इस्लामियां इंटर कॉलेज में पूर्व प्रधानाचार्य की बर्खास्तगी के विरोध में शिक्षक कॉलेज परिसर में ही धरने पर बैठ गए। शिक्षकों के धरने की वजह से परीक्षा को आगे बढ़ाना पड़ा। इससे परीक्षा देने कॉलेज आए छात्रों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। अब बुधवार यानी आज परीक्षा कराई जाएगी। शिक्षकों के धरने की सूचना पर डीआईओएस भी कॉलेज पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों से बात की।
इस्लामियां इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति का हंगामा अब बच्चों की पढ़ाई में बाधक बनने लगा है। पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक सभी काम प्रभावित हो रहे हैं। पूर्व प्रधानाचार्य की बर्खास्तगी के बाद शिक्षक विरोध में उतर आए हैं। सोमवार को स्कूल को बंद कर दिया गया था। शिक्षिकों की चेतावनी के बाद मंगलवार सुबह से कॉलेज में फोर्स तैनात कर दी गई थी। हंगामे के कारण बेहद कम छात्र परीक्षा देने पहुंचे।
प्रधानाचार्य तौकीर सिद्दीकी ने परीक्षा शुरू करवा दी। बाद में कम संख्या को देखते हुए परीक्षा स्थगित कर दी गई। 16 मार्च का पेपर अब 19 मार्च को होगा। छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों ने बुधवार से समस्त परीक्षाएं अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कराए जाने का फैसला किया। डीआईओएस अमरकांत सिंह भी शिक्षकों की बात सुनने कॉलेज पहुंचे। प्रधानाचार्य तौकीर सिद्दीकी भी साथ रहे।
उन्होंने कहा कि शिक्षक हित की लड़ाई में वो शिक्षकों के साथ हैं। शिक्षकों ने एक सुर में जावेद खालिद की बहाली की मांग की। शिक्षक विधायक डॉ हरी सिंह ढिल्लो के पुत्र हरेंद्र सिंह ढिल्लो, चंदेल गुट के जिला अध्यक्ष संजय सिंह, सुरेश रस्तोगी, जितेंद्र वार्ष्णेय, डॉ निर्भय गुर्जर आदि ने धरना स्थल पर पहुंचकर शिक्षकों का समर्थन किया।
प्रबंधक मोहम्मद ईसार अहमद ने बताया कि कुछ शिक्षक प्रबंध समिति के कुछ पदाधिकारियों व सदस्यों के समर्थन से धरना दे रहे हैं। जबकि, पूर्व कार्यवाहक प्रधानाचार्य जावेद खालिद पर नियमानुसार कार्रवाई की गई थी। पूरे प्रकरण के पीछे दुकानों की छतों पर हो रहा अवैध निर्माण है। कुछ लोग इस्लामियां की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करना चाहते हैं।
