गरमपानी: छोटे-छोटे बच्चें अपनी उम्र से दोगुना वजन ढोने को मजबूर
गरमपानी, अमृत विचार। कोसी घाटी में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। बच्चे अपनी उम्र से दोगुना वजन ढोने को मजबूर है। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। बेतालघाट ब्लॉग के तमाम गांवो में पेयजल संकट बड़ गया है। ग्रामीण गांवो से दूर जाकर पानी ढोने को मजबूर …
गरमपानी, अमृत विचार। कोसी घाटी में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। बच्चे अपनी उम्र से दोगुना वजन ढोने को मजबूर है। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। बेतालघाट ब्लॉग के तमाम गांवो में पेयजल संकट बड़ गया है। ग्रामीण गांवो से दूर जाकर पानी ढोने को मजबूर है। लगातार बिगड़ते हालातो के बीच अब नौनिहालों ने भी कमान संभाल ली है।
छोटे-छोटे बच्चे अपनी उम्र से दोगुना वजन ढोने को मजबूर है। सड़क किनारे लगे हैडपंप से पानी गांवो तक ले जाना मजबूरी बन चुका है। ब्लाक के धारी गांव में पचास से ज्यादा परिवार बूंद बूंद पानी को तरस रहे है वहीं समीपवर्ती चापड़ तथा कमान आदि गांवो में भी पानी को लेकर हाहाकार मचा है। गरमपानी खैरना क्षेत्र में भी आए दिन पेयजल व्यवस्था पटरी से उतर जा रही है।जिस कारण लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांवो में प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने के कगार पर पहुंच चुके है।
कई गांवों में वाहनों में पानी से भरे बर्तन रख गांवो तक पहुंचाए जा रहे हैं। पेयजल व्यवस्था ही लोगों की दिनचर्या बन चुकी है। सुबह से शाम तक सड़क किनारे हैंडपंपों पर लगी कतार साफ देखी जा सकती है। परेशान गांवो के वासिंदो ने पेयजल व्यवस्था के सुधार को ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है।
