हल्द्वानी: सात साल में भी तैयार नहीं हो सका हल्दूचौड़ में 30 बेड का अस्पताल

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हल्द्वानी, अमृत विचार। महामारी इस दौर में सरकार अस्थाई अस्पताल बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। लेकिन पिछले सात सालों में हल्दूचौड़ में निर्माणाधीन 30 बेड का अस्पताल आज भी नहीं बन पाया है। स्थानीय विधायक नवीन दुम्का ने फरवरी 2021 में अस्पताल का उद्घाटन करने करने का दावा किया था। …

हल्द्वानी, अमृत विचार। महामारी इस दौर में सरकार अस्थाई अस्पताल बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। लेकिन पिछले सात सालों में हल्दूचौड़ में निर्माणाधीन 30 बेड का अस्पताल आज भी नहीं बन पाया है। स्थानीय विधायक नवीन दुम्का ने फरवरी 2021 में अस्पताल का उद्घाटन करने करने का दावा किया था। अस्पताल शुरू न होने के कारण लोगों को इलाज के लिए शहरों में भटकना पड़ रहा है।

बरेली रोड, लालकुआं व बिन्दुखत्ता के गांवों की भारी जनसंख्या व राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार के लिए हल्दूचौड़ में नवंबर 2014 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र नेगी, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश व श्रममंत्री हरीश दुर्गापाल ने हल्दूचौड़ में 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नींव रखी थी। अस्पताल के निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड राज्य अवस्थापना विकास निगम यानी ब्रिडकुल को मिला।

शिलान्यास के वक्त बेसमेंट सहित तीन मंजिला अस्पताल की लागत करीब पौने आठ करोड़ तय की गई थी। जिसकी पहली किस्त 19 जून 2015 जारी की गई। दो सितंबर 2016 में भूमि पूजन के साथ अस्पताल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। लेकिन सात वर्ष पूरे होने पर भी भवन निर्माणाधीन ही है। गत वर्ष विधायक नवीन दुम्का ने कार्यदाई संस्था को धन आवंटित करने की बात कहकर फरवरी 2021 में अस्पताल का शुभारंभ करने का दावा किया था। लेकिन फरवरी भी चली गई और अस्पताल का कार्य अभी 75 फीसदी ही पूरा हो सका है।

अस्पताल ही अधूरा तो कब बनेगा आवासीय भवन

पैसा नहीं मिलने के कारण अस्पताल के साथ ही आवासीय भवन का निर्माण कार्य भी अधूरा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह बनी हुई है। हल्दूचौड़ में 30 बेड के अस्पताल की घोषणा के दौरान ही लालकुआं के वार्ड नंबर एक में भी 10 बेड के अस्पताल का शिलान्यास हुआ था। लालकुआं स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण पूरा होकर वहां मरीजों को उपचार मिल रहा है, लेकिन हल्दूचौड़ अस्पताल का काम अब भी निर्माणाधीन है।

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