वर्ल्ड एथलेटिक्स डे: कोरोना काल में यह ओलंपियन खिलाड़ियों में ऑनलाइन ट्रेनिंग से भर रहा जोश
हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते आज खिलाड़ियों के कदम थम गए हैं। ऐसे में बाहर निकलना और अभ्यास जारी रखना खिलाड़ियों के लिए चुनौती बन गया है। ओलंपियन सुरेश पांडे ने वर्ल्ड एथलेटिक्स डे पर बताया कि एक खिलाड़ी के लिए अभ्यास बहुत जरूरी होता है। लेकिन कोरोना की वजह से …
हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते आज खिलाड़ियों के कदम थम गए हैं। ऐसे में बाहर निकलना और अभ्यास जारी रखना खिलाड़ियों के लिए चुनौती बन गया है।
ओलंपियन सुरेश पांडे ने वर्ल्ड एथलेटिक्स डे पर बताया कि एक खिलाड़ी के लिए अभ्यास बहुत जरूरी होता है। लेकिन कोरोना की वजह से खिलाड़ियों को बाहर निकलकर अभ्यास करने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से घर पर ही रहकर अभ्यास जारी रहकर प्रयास करने को कहा है। कहा कि उनके पास 16 खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते हैं। वह सभी को ऑनलाइन के जरिए तैयार करवा रहे हैं। कहा कि बाहर जाने की जरूरत न पड़े, इसलिए वह घर में की जाने वाली एक्सरसाइज की अवधि को बढ़ाकर खिलाड़ियों को तैयारी करवा रहे हैं। मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले सुरेश पांडे हल्द्वानी में डिग्री कॉलेज के पास रहते हैं।
चमोली क्रीड़ाधिकारी हल्द्वानी, गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम इंचार्ज और यूएस नगर प्रभारी जिला क्रिड़ाधिकारी रहे सुरेश सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नत है। सुरेश बताते हैं कि उन्हें पहले क्रिकेट खेलने का शौक था, लेकिन कुछ कारणवस वह इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाए। बताया कि उन्होंने उसके बाद एथलेटिक्स को अपना करियर चुना। बताया कि उन्होंने 42 मीटर की क्रॉस कंट्री दौड़ दौड़ना शुरू किया। उसके बाद वह आर्मी में भर्ती हो गए। उन्होंने कारगिल युद्ध में भी अपना योगदान दिया है। बताया कि 2016 में हुए लंदन ऑलंपिक्स में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने बताया कि उनको 2021 में गौलापार में आयोजित होने वाले नेशनल गेम्स का इंचार्ज के तौर पर बुलाया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से प्रतियोगिता स्थगित कर दी गई है।
उपलब्धियां
1- 1985 में जबलपुर में आयोजित 19वीं राष्ट्रीय क्रॉस कंटरी दौड़ में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
2-1985 में रन इंडिया मैराथन में दिल्ली में स्वर्ण पदक जीता।
3-1986 में दिल्ली में आयोजित 20 वीं मैराथन चैंपियनशिप में र्स्वण पदक जीता।
4- 1986 पूणे अंतरराष्ट्रीय मैराथन में स्वर्ण पदक।
5-1991 अंतरराष्ट्रीय मैराथन में कांस्य पदक।
6- 1992 जापान अंतरराष्ट्रीय रोड रीले रेस में नागासाकी में चौथा स्थान।
7- 1994 में सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय मैराथन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
8- 1994 में मुलाका, मलेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मैराथन में स्वर्ण पद जीता।
9- 1995 में सिंगापुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मैराथन में प्रतिभाग किया।
