बरेली: कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाला!, छात्राएं थीं नहीं फिर भी भोजन पर खर्च कर दिए नौ करोड़

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बरेली, अमृत विचार। जिले के 18 कस्तूरबा स्कूलों में भोजन और सामग्री के नाम पर 9 करोड़ रुपए का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। अकेले बरेली में 84.123 लाख रुपए का घोटाले के नाम पर खर्च दिखाया गया है। मामला जब खुला तो शासन ने जांच बैठा दी। जिसके चलते बरेली समेत 18 जिलों …

बरेली, अमृत विचार। जिले के 18 कस्तूरबा स्कूलों में भोजन और सामग्री के नाम पर 9 करोड़ रुपए का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। अकेले बरेली में 84.123 लाख रुपए का घोटाले के नाम पर खर्च दिखाया गया है। मामला जब खुला तो शासन ने जांच बैठा दी। जिसके चलते बरेली समेत 18 जिलों के बीएसए फंस गए हैं। हालांकि बीएसए का कहना है कि यह कोई घोटाला नहीं बल्कि तकनीकी वजह से ऐसा गड़बड़ हुआ है। सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगी।

दरअसल,कोरोना की वजह सभी कस्तूरबा स्कूलों की छात्राएं अपने घर पर हैं। प्रदेश के बरेली समेत 18 जिलों के कस्तूरबा स्कूलों की छात्राओं की प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन उपस्थिति भी शून्य दिखा रही है। शून्य उपस्थिति के बाद भी बजट निकलने से हड़कंप मच गया। इन स्कूलों में करीब 9 करोड़ रुपये भोजन व अन्य सामग्री खरीदने में खर्च कर दिए गए। मामला जब शासन में खुला तो राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जिलों के बीएसए से जबाव मांगा है।

बरेली में 11 फरवरी से 31 मार्च के बीच भोजन मद में 46.429 लाख, मेडिकल केयर में 17.858 लाख और स्टेशनरी व अन्य शिक्षण सामग्री की खरीद में 19.836 लाख रुपये निकाले गए। सभी 18 स्कूलों में कुल 84.123 लाख रुपये खर्च किये गए। सवाल खड़ा हुआ कि छात्राओं की अनुपस्थति में आखिर यह धनराशि खर्च कहां की गई। राज्य परियोजना निदेशक ने एडी बेसिक से 15 जून तक जांच रिपोर्ट तलब की है।

बीएसए बोले- मार्च में थीं छात्राएं
इस मामले में जब बीएसए विनय कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसी भी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है। मार्च 2020 में विद्यालयों में छात्राएं उपस्थित थी। लेकिन पोर्टल में तकनीकी खराबी की वजह से उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकी। छात्राओं के लिए स्टेशनरी और दैनिक उपभोग का सामान अगले सत्र के लिए भी खरीदा गया था। वहीं खाद्य सामग्री के लिए जो बजट लिया गया था। उसका केवल 70 फीसदी खर्च हुआ। बाकी का 30 फीसदी पैसा वापस कर दिया गया।

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