लखीमपुर खीरी: संवेदनाएं खोता सरकारी तंत्र… दुष्कर्म पीड़ित बहनों को घंटों फर्श पर बैठाया, पुरुष दरोगा ने लिया बयान
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुष्कर्म पीड़िताओं को समाज में शर्मसार न होना पड़े और वे अपनी बात खुलकर रख सकें। इसके लिए महिला पुलिस अधिकारी को पूछताछ करने या बयान दर्ज करने के नियम हैं। लेकिन दुष्कर्म पीड़ित तीन बहनों के मामले में ये नियम तार-तार हो गए। रविवार को जिला महिला अस्पताल में मेडिकल …
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुष्कर्म पीड़िताओं को समाज में शर्मसार न होना पड़े और वे अपनी बात खुलकर रख सकें। इसके लिए महिला पुलिस अधिकारी को पूछताछ करने या बयान दर्ज करने के नियम हैं। लेकिन दुष्कर्म पीड़ित तीन बहनों के मामले में ये नियम तार-तार हो गए। रविवार को जिला महिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए आईं सामूहिक दुष्कर्म की शिकार तीन बहनों को अस्पताल प्रशासन ने मुजरिमों की तरह घंटों फर्श पर बैठाए रखा। बची-खुची कोर कसर पुलिस ने पूरी कर ली।
महिला पुलिस अधिकारी के बजाय अस्पताल पहुंचे एक दरोगा ने ही पीड़ित बहनों के बयान दर्ज किए। इससे पीड़िताएं खुलकर अपनी बात कहने में हिचकती रहीं। हालांकि इस मामले को गंभीरता से लेकर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।
शुक्रवार को शहर की पुलिस चौकी महेवागंज क्षेत्र की दो सगी बहनें अपनी मौसेरी बहन के साथ अपने दूर के रिश्ते के नाना के साथ मजदूरी करने गई थीं। आरोपी रिश्तेदार नाना ने अपने पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर तीनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पुलिस इस बेहद संवेदनशील घटना के बाद भी शुरुआती दौर से लापरवाह रही थी।
घटना स्थल को लेकर कोतवाली और फूलबेहड़ के बीच तीनों को दौड़ाती रही। शनिवार की दोपहर बाद जब पीड़ित बहनें कोतवाली सदर पहुंची और मामला सोशल मीडिया तक पहुंच गया तो अधिकारी हरकत में आए। पुलिस ने देर रात पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली।
रविवार की रात करीब पौने 11 बजे तीनों पीड़िताओं को एक दरोगा जिला महिला अस्पताल लाया जहां तीनों को मुजरिम की तरह कमरे में फर्श पर घंटों बैठाए रखा। हद तब हो गई जब महिला की बजाय पुरुष दरोगा ने तीनों बहनों से पूछताछ की और बयान दर्ज किए। तीनों बहनें शर्मसार हो खुलकर अपनी बात नहीं बता सकीं।
पुलिस महकमे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमानुसार सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म, अपहरण दहेज प्रताड़ना जैसे मामलों में महिला पुलिस अधिकारी को बयान दर्ज करना चाहिए जिससे पीड़ित महिलाएं अपनी बात खुलकर रख सकें। इसको लेकर महिला हेल्प डेस्क की थानों पर स्थापना हुई है।
नवागत डीएम डॉ अरविंद चौरसिया ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िताओं को जिला अस्पताल में फर्श पर घंटों बैठाए रखने के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने एसडीएम सदर डॉ अरुण कुमार सिंह को पूरे प्रकरण की जांच सौंपकर रिपोर्ट मांगी है। जिला महिला अस्पताल में दुष्कर्म पीड़ित तीनों बहनों के बयान महिला पुलिस अधिकारी की जगह पुरुष दरोगा के लिए जाने के मामले में एसपी सहित सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। कोई भी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
