बरेली: सांध्यकालीन कक्षाएं संचालित करने का प्रयास कर सकता है बरेली कॉलेज

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बरेली, अमृत विचार। इस बार स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए छात्रों को अधिक जद्दोजहद करनी होगी, क्योंकि 12वीं की परीक्षाएं न होने से अधिकांश छात्र पास होंगे। प्रत्येक वर्ष अधिकांश छात्र बरेली कॉलेज में प्रवेश को प्राथमिकता देते हैं। यही वजह है कि बरेली कॉलेज की मेरिट भी हमेशा उच्च रहती है। इस …

बरेली, अमृत विचार। इस बार स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए छात्रों को अधिक जद्दोजहद करनी होगी, क्योंकि 12वीं की परीक्षाएं न होने से अधिकांश छात्र पास होंगे। प्रत्येक वर्ष अधिकांश छात्र बरेली कॉलेज में प्रवेश को प्राथमिकता देते हैं। यही वजह है कि बरेली कॉलेज की मेरिट भी हमेशा उच्च रहती है। इस बार मेरिट और ऊंची जा सकती है। ऐसे में कई छात्र बरेली कॉलेज में प्रवेश से वंचित रह सकते हैं। छात्रों की अधिक संख्या को देखते हुए ही कॉलेज प्रबंधन सांध्यकालीन कक्षाएं फिर से संचालित करने का प्रयास कर सकता है। हालांकि यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए शासन से अनुमति लेनी होगी, क्योंकि शासन ने ही सांध्य कालीन कक्षाओं पर रोक लगायी थी।

12वीं के छात्रों का परिणाम जुलाई अंत तक आ सकता है। अगस्त में महाविद्यालयों में प्रवेश शुरू हो जाएंगे। इस बार एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय महाविद्यालयों को सीधे पहले प्रवेश करने का मौका दे रहा है। 2 जुलाई को होने वाली प्रवेश समिति की बैठक में इसका निर्णय ले लिया जाएगा। अधिक से अधिक छात्रों का प्रवेश लेने के लिए महाविद्यालय हर संभव प्रयास करेंगे।

बरेली कॉलेज में बीए, बीएससी व बीकॉम के सभी पाठ्यक्रमों की सीटें निर्धारित हैं। कुछ पाठ्यक्रमों को छोड़कर सभी सीटें प्रत्येक वर्ष फुल हो जाती हैं। यही वजह है कि महाविद्यालय ने प्रवेश को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। छात्रों की संख्या अधिक होने से महाविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों की सीटें फुल होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त छात्रों के प्रवेश के लिए बरेली कॉलेज प्रबंधन प्रयास कर सकता है। बरेली कॉलेज में करीब आठ साल सांध्य कालीन कक्षाओं का संचालन हुआ था।

शाम की भी सभी सीटें फुल रहती थीं। हालांकि कुछ शिकायतें शासन में पहुंची तो वर्ष 2003-04 के बाद सांध्यकालीन कक्षाओं पर रोक लगा दी गई थी। बरेली कॉलेज के प्राचार्य डा. अनुराग मोहन का कहना है कि छात्रों की अधिक संख्या होने के चलते मेरिट हाई जाएगी। कई छात्र प्रवेश से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में सांध्यकालीन कक्षाओं को लेकर प्रयास किए जा सकते हैं।

चीफ प्रॉक्टर वंदना शर्मा ने बताया कि पहले सांध्यकालीन कक्षाएं संचालित होती थीं। फिर से इनके संचालन से छात्रों को ही फायदा होगा। भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. वीपी सिंह ने बताया कि विज्ञान के पाठ्यक्रमों में सभी सीटें फुल हो जाती हैं। सांध्यकालीन कक्षाएं पहले संचालित होती थीं।

प्रवेश को लेकर कल होगा निर्णय
विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में होने वाले प्रवेश को लेकर विश्वविद्यालय 2 जुलाई को निर्णय लेगा। 2 जुलाई को प्रवेश समिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में नई प्रवेश नियमावली, महाविद्यालयों के द्वारा सीधे स्नातक में प्रवेश लेने और ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा पर निर्णय लिया जा सकता है।

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