अल्मोड़ा जिले की छह सड़कों पर आवाजाही ठप, जगह-जगह भूस्खलन से सड़कों पर मलबा और बोल्डर
अल्मोड़ा, अमृत विचार। हरेला पर्व के बाद से हो रही लगातार बारिश अब पर्वतीय जिले के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन के कारण जिले के छह सड़क मार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इन मार्गों पर अब लोग पैदल चलकर अपने गंतव्य …
अल्मोड़ा, अमृत विचार। हरेला पर्व के बाद से हो रही लगातार बारिश अब पर्वतीय जिले के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन के कारण जिले के छह सड़क मार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इन मार्गों पर अब लोग पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।
पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश अब पर्वतीय मार्गों पर सितम ढा रही है। जिले के आधा दर्जन मार्गों पर भूस्खलन के कारण बड़े बड़े बोल्डर और मलबा एकत्र हो गया है। जबकि कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह नेस्तनाबूत हो गई है। पहाडिय़ों से गिर रहे मलबे और बोल्डरों के कारण अब इन मार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप है। इधर बारिश के चलते जिले के सभी नदी नाले भी उफान पर हैं। जिससे नदियों के किनारे बसे गांवों को भी खतरा पैदा हो गया है।
जैगन और सरयू नदी उफान के कारण सीमांत के गांवों में लगातार भू कटाव हो रहा है। भैंसियाछाना के आपदा प्रभावित गांव खैरखेत में भी लोग खौफ के साए में जिदंगी बसर कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि बंद पड़े मार्गों को खोलने के लिए मौके पर जेसीबी मशीनें भेजी गई हैं। लेकिन बारिश के कारण बंद पड़े मार्गों को खोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इन मार्गों पर पूरी तरह आवाजाही है ठप
दशौला-मेल्टा, जैंती पीपली, द्वाराहाट-भगतोला, दन्या-आरासल्पड़, सौधार-पनुवाद्यौखन, पैसिया- मल्ला गढ़कोट
कहां कितनी बारिश
अल्मोड़ा – 11 एमएम
रानीखेत – 10 एमएम
द्वाराहाट – 5.5 एमएम
चौखुटिया – 6.0 एमएम
सोमेश्वर – 13 एमएम
भिकियासैंण – 3.5 एमएम
जागेश्वर – 24.5 एमएम
ताकुला – 14.5 एमएम
शीतलाखेत – 12.5 एमएम
सल्ट – 3.0 एमएम
भैंसियाछाना – 11.5 एमएम
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जलस्तर
कोसी = 1133.30 मीटर
रामगंगा = 922.975 मीटर
रामनगर डोटियाल मोटर मार्ग पर भूस्खलन से सड़क क्षतिग्रस्त
अल्मोड़ा। लगातार हो रही बारिश के कारण रामनगर डोटियाल मोटा मार्ग पर झिमार के पास भूस्खलन के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। बुधवार की सुबह इस मार्ग पर दोनों और वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी रही। दस घंटे बंद होने के करीब दस घंटे बाद इस मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोला जा सका है। लेकिन इस मार्ग पर सफर करना अब भी जोखिम भरा साबित हो रहा है।
लगातार हो रही बारिश के कारण मंगलवार की रात झिमार के पास जबर्दस्त भूस्खलन हो गया। पहाड़ी से गिरे मलबे और बोल्डरों के कारण आधी सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है। तड़के जब वाहनों की आवाजाही इस मार्ग पर शुरू हुई तो सड़क बंद थी। जिस कारण रामनगर से डोटियाल, भिकियासैंण, नैल, देघाट, सराईखेत, चंपानगर, क्वैरला, मानिला आदि स्थानों को जाने वाले वाहन जाम में फंस गए। सामाजिक कार्यकर्ता नारायण सिंह ने बताया कि मार्ग बंद होने की सूचना दिए जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग रानीखेत द्वारा मार्ग खोलने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में स्थानीय लोगों को वाहनों में फंसे यात्रियों के अनुरोध पर पीएमजीएसवाई के झिमार डिवीजन की जेसीबी मौके पर पहुंची और बड़ी मुश्किल से मार्ग में पड़े मलबे और बोल्डरों को हटाकर मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोला जा सका। रावत ने बताया कि सड़क का आधा हिस्सा टूट जाने के कारण अब इस मार्ग पर आवाजाही जोखिम भरी साबित हो रही है।

करबला के पास गिरा चीड़ का विशालकाय पेड़, यातायात रहा बाधित
लगातार हो रही बारिश के कारण बुधवार की तड़के करबला से बेस की ओर जाने वाले मार्ग पर चीड़ का एक विशालकाय पेड़ गिरकर मुख्य सड़क पर आ गया। जिससे एनएच पर आवाजाही ठप हो गई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी। जिसके बाद अल्मोड़ा फायर यूनिट के कर्मचारी उपकरण लेकर मौके पर पहुंचे । करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बड़ी मुश्किल से पेड़ को काटकर इस मार्ग को यातायात के लिए सुचारू किया जा सका।
