अल्मोड़ा: आग से स्वाहा हुई लीसा फैक्ट्री 

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अमृत विचार, अल्मोड़ा। विकास खंड धौलादेवी के तोली में स्थित एक लीसा फैक्टी में रविवार को अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि उसने कुछ ही देर में विकराल रूप से धारण तक लिया और वह आसपास के रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई। जिससे पूरे क्षेत्र में हडक़ंप मच गया। आनन फानन में …

अमृत विचार, अल्मोड़ा। विकास खंड धौलादेवी के तोली में स्थित एक लीसा फैक्टी में रविवार को अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि उसने कुछ ही देर में विकराल रूप से धारण तक लिया और वह आसपास के रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई। जिससे पूरे क्षेत्र में हडक़ंप मच गया। आनन फानन में अग्निशमन विभाग को हादसे की जानकारी दी गई। जिसके बाद आग पर काबू पाने के लिए दमकल के तीन वाहन मौके पर पहुंचे। कई घंटों की मशक्कत के बाद बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया जा सका।
 जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर मनीआगर से लगे तोली क्षेत्र में गिरीश पेटशाली का लीसा कारखाना है। इसमें बिरोजा व कैमिकल प्लांट है। रविवार को कर्मचारी फैक्ट्री में काम कर रहे थे। अचानक कैमिकल प्लांट से चिंगारी उठी और एक के बाद दूसरा प्लांट आग की चपेट में आ गया। आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया और फैक्ट्री के चारों ओर आसमान छूती आग की लपटें और धुएं का गुबार फैल गया। फैक्ट्री का आग रिहायशी इलाकों की ओर बढऩे लगी तो पूरे इलाके में हडक़ंप मच गया।
आनन फानन में घटना की सूचना अग्निशमन विभाग के अधिकारियों और कंट्रोल रूम को दी गई। जिसके बाद अल्मोड़ा से अग्निशमन अधिकारी उमेश चंद्र परगाई के नेतृत्व में दमकल के तीन छोटे बड़े वाहन आग बुझाने के लिए यहां पहुंचे। आसपास के लोग भी पानी की व्यवस्था कर आग बुझाने का प्रयास करते रहे। लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि अग्निशमन विभाग के वाहनों को कई बार पानी लेने वापस जाना पड़ा।
आग के कारण फैक्ट्री से लगी कई दुकानों को भी खाली करवाया गया। करीब चार पांच घंटे की मशक्कत के बाद दमकल ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया। फैक्ट्री स्वामी गिरीश पेटशाली के अनुसार फैक्ट्री में लगी आग के कारण करीब एक करोड़ रुपये के बिरोजा और कैमिकल का नुकसान हुआ है।
खतरा भांप बाहर निकल आए श्रमिक 
अल्मोड़ा। तोली स्थित लीसा फैक्ट्री में चिंगारी निकलने के बाद आग लगते ही यहां काम कर रहे श्रमिक सामने आने वाले खतरे को भांप गए। चूंकि फैक्ट्री में बिरोजा और कैमिकल पड़ा हुआ था। इसलिए इन श्रमिकों के लिए अकेले आग पर काबू पाना आसान नहीं था। इसलिए समय रहते श्रमिक फैक्ट्री से बाहर निकल आए और जनहानि होने से बच गई।