folk culture

Uttarakhand Festival: उत्तराखंडी लोक संस्कृति की झलक पाने को उमड़ा लखनऊ... जमकर की खरीदारी

लखनऊ, अमृत विचार: उत्तराखंड महोत्सव में नौंवें दिन सांस्कृतिक पंडाल से लेकर मेला स्थल भीड़ उमड़ पड़ी। लोकनृत्यों और लोकगीतों का आनंद लेने के साथ लोगों ने मेले में अमरीकन भुट्टा,पहाड़ की दालें, मडूवे का आटा, सब्जियां, बाल मिठाई, सिंगोड़ी,...
उत्तर प्रदेश  लखनऊ  फोटो गैलरी 

लोक संस्कृति का वाहक पुष्कर मेला

राजस्थान में अजमेर से लगभग 11 कि.मी. दूर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुष्कर है। यहां पर कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। यहां पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक...
विशेष लेख  रंगोली 

अल्मोड़ा: महिलाओं के सांस्कृतिक जुलूस ने बिखेरे लोक संस्कृति के रंग 

अल्मोड़ा, अमृत विचार। मां नंदा सर्वदलीय महिला समिति की ओर से अल्मोड़ा में जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर बुधवार को नगर में सांस्कृतिक जुलूस निकाला गया। इसके अलावा नंदा देवी परिसर में भी विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों...
उत्तराखंड  अल्मोड़ा 

चमोली: उत्तराखण्ड के लोक पर्व फूलदेई पर जीवंत हुई लोक संस्कृति

विधान सभा अध्यक्ष के साथ कैबिनेट मंत्रियों एवं विधायकों ने बच्चों से भेंट कर अपनी परम्परा से जुड़ने के लिए किया उत्साहवर्धन, सभी ने बतायी अपनी समृद्ध लोक संस्कृति एवं परम्पराओं के संवर्द्धन की जरूरत
उत्तराखंड  चमोली 

चित्रकूट: शरदोत्सव का दूसरे दिन नृत्य में दिखी लोक संस्कृति की झलक

चित्रकूट। भारत रत्न नानाजी देशमुख की जयंती अवसर पर चित्रकूट में सांस्कृतिक संध्या शरदोत्सव के कार्यक्रमों में दूसरे दिन लोक संस्कृति की छाप नजर आई। देर रात तक लोग मंत्रमुग्ध होकर बैठे रहे। सांस्कृतिक शाम की शुरुआत वन सिंह भाई चामायडा़, भाई राठवा एवं उनके साथियों के गुजरात के राठवा जनजाति के लोकनृत्य की शानदार …
उत्तर प्रदेश  चित्रकूट 

हल्द्वानी: मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति करेगी कलाकारों और रचनाकारों को सम्मानित

हल्द्वानी, अमृत विचार। मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति द्वारा इस वर्ष सम्मानित होने वाले कलाकारों रचनाकारों की सूची जारी की गई है। प्रत्येक वर्ष रचना दिवस पर संस्था द्वारा उत्तराखण्ड़ और देश के अन्य प्रांतो के नामचिन कलाकारों को अल्मोड़ा में आमन्त्रित कर सम्मानित करती है। वर्ष 2000 से शुरू की …
उत्तराखंड  हल्द्वानी 

क्या है आदिवासियों की लोकसंस्कृति

काल क्या है ? इस सवाल को लेकर भिन्न-भिन्न सिद्धान्त हैं ! एक सिद्धान्त यह भी है कि घटना की पूर्वापरता का नाम ही काल है , इसके अतिरिक्त काल नाम का कोई भी स्वतन्त्र तत्त्व है ही नहीं ! फ़िर भी मानव-सभ्यता में व्यावहारिक रूप से काल का विभाजन भूत-वर्तमान-भविष्य के रूप में किया …
इतिहास 

हल्द्वानी: पहाड़ की पीढ़ा ही नहीं लोक संस्कृति का सृजन भी कर रहा ”कुमाऊं वाणी”

हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ की पीढ़ा ही नहीं बल्कि हर उस मुद्दे को जो आम जन मानस से जुडे़ हैं को कुमाऊं वाणी बेबाकी के खुले मंच में रखते आ रहा है। 11 मार्च 2010 को तत्कालीन राज्यपाल माग्रेट अल्वा ने इसी सोच के साथ सामुदायिक रेडियो का उद्घाटन किया था और आज कुमाऊं वाणी …
उत्तराखंड  हल्द्वानी 

हल्द्वानी: राज्य स्तरीय संगीत शिक्षक प्रतियोगिता में गूंजेगा शिक्षक हरीश चंद्र पांडे का हुड़का

संजय पाठक, अमृत विचार, हल्द्वानी। लोक संस्कृति के संरक्षण के क्षेत्र में बीते दो दशक से योगदान दे रहे शिक्षक हरीश चंद्र पांडे राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से देहरादून में 25 से 26 फरवरी को आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय संगीत शिक्षक प्रतियोगिता में लोक वाद्य हुड़के की थाप का …
उत्तराखंड  हल्द्वानी  Special 

हल्द्वानी: लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य करने वाली माधुरी ने देवभूमि की माटी का जताया आभार

हल्द्वानी, अमृत विचार। इंसान को कर्म करते रहना चाहिए, फल तो देर सवेर मिलता ही है। अपनी माटी के लिए किए गए कर्तव्य से बढ़कर और क्या हो सकता है। अपनी संस्कृति, अपनी बोली, अपनी मातृभूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि इसी से आपके व्यक्तित्व की खूबसूरती बढ़ती है और यही आपकी पहचान है। …
उत्तराखंड  हल्द्वानी 

हल्द्वानी: जोहार महोत्सव में बिखेरे संस्कृति के रंग, झूमने पर मजबूर हुए दर्शक

हल्द्वानी, अमृत विचार। जोहार सांस्कृतिक वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय जोहार महोत्सव का रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया। प्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय, पुष्कर मेहरा और ललित मोहन जोशी के गीतों पर दर्शक झूमने को मजबूर हो गए। दो दिवसीय महोत्सव में हस्तनिर्मित उत्पादों के साथ पहाड़ी व्यंजनों …
उत्तराखंड  हल्द्वानी 

बरेली: लोक संस्कृति ‘सिमरा-सिमरिया’ की शादी को पुनर्जीवित किया

बरेली, अमृत विचार। वर्चस्व वेलफेयर सोसायटी की संस्थापिका प्रमिला सक्सेना ने जयवीर सिंह गंगवार, शोभित सागर, राजू के विशेष सहयोग से बरेली की भूली लोक संस्कृति ‘सिमरा-सिमरिया’ की शादी को पुनर्जीवित करने की शुरुआत की है। गुरुवार को मठ लक्ष्मीपुर रोड पर अवध धाम विस्तार में प्रमिला ने भगवान शिव-पार्वती के प्रतीक सिमरा-सिमरिया के स्वरूपों …
उत्तर प्रदेश  बरेली