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Republic Day celebration: गणतंत्र दिवस परेड में निकलेगी बुंदेलखंड की झांकी..., दिखेगा शौर्य और संस्कृति का संगम
अहमदाबाद हादसे से इंडिगो संकट तक... भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए चुनौतियों भरा रहा पूरा साल रहा 2025
वाराणसी रेंज में पहली बार शुरू हुई व्हाट्सएप ‘बॉट’ सेवा, अब गुमनाम तरीके से दें अपराध की खबर
लखनऊ विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धि: तंजानिया के शोधार्थी को भारत-तंजानिया माध्यमिक शिक्षा पर रिसर्च के लिए मिली पहली अंतरराष्ट्रीय PhD

Emperor

21 सितंबर: बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने गिरफ्तार किया

नई दिल्ली। मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का जिक्र आते ही उनकी उर्दू शायरी और हिंदुस्तान से उनकी मोहब्बत की भी बात होती है। कहने को तो वह 1837 में बादशाह बनाए गए, लेकिन तब तक देश के काफी बड़े...
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प्रयागराज : ‘अग्निपथ योजना’ के विरोध में केन्द्र सरकार का पुतला दहन

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने सेना में भर्ती के लिये शुरु की गयी ‘अग्निपथ योजना’ के विरोध में शुक्रवार को छात्रसंघ भवन पर केन्द्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए उसका पुतला फूंका। विश्वविद्यालय के छात्र नेता अजय यादव ‘सम्राट’ के नेतृत्व मे बड़ी संख्या में छात्रसंघ …
उत्तर प्रदेश  प्रयागराज 

इंसाफ़ पसंद बादशाह जहाँगीर

अदले जहाँगीरी (जहाँगीर के शासनकाल में) आगरे के लाल किले में एक सोने की ज़ंजीर लगी थी जिसका एक सिरा लाल किले में एक घंटे से जुड़ा था और उसका दूसरा सिरा यमुना नदी पार कर के दूसरी तरफ़ था। कोई भी फ़रयादी इंसाफ़ मांगने के लिए जब यमुना नदी के दूसरे किनारे पर लगी …
इतिहास 

… जब महिलाओं के एक अभियान से सम्राट को छोड़ना पड़ा पद, फिर पहली बार मनाया गया विश्व महिला दिवस

महिलाओं के अदृश्य संघर्ष को सलाम करने के लिए उनके सम्मान में, उन्हें समान अधिकार और सम्मान दिलाने के उद्देश्य के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया हुआ है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए कई जायज कारण हैं। महिला/स्त्री/नारी/औरत शब्द कुछ भी हो, मां/बहन/बेटी/पत्नी रिश्ता कोई सा …
लाइफस्टाइल 

मुग़लों के समय में ऐसे मनाई जाती थी दिवाली

‘जश्न-ए-चराग़ा’ यानी ‘दिवाली’ अक़बर से लेकर आखरी बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र तक सभी मुग़ल बादशाह दीवाली बड़े धूम धाम से मनाते थे। शाहजहां के दौर में रानियां, शहजादियां, शहजादे कुतुब मीनार से दिवाली की आतिशबाजी देखते थे। इंग्लेंड के यात्री एन्ड्रयू 1904 में दिल्ली आए और मुंशी ज़काउल्लाह से मिले। ज़काउल्लाह ने लाल किले के …
इतिहास