बरेली: नौ साल बीतने के बाद भी सपना बनकर रह गया सुपर स्पेशिलटी अस्पताल
बरेली, अमृत विचार। खुर्रम गौटिया के पास 300 बेड का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बीते नौ साल बाद भी पूरा बनकर तैयार नहीं हो सका है। मंत्री से लेकर अधिकारी तक बस तारीख पर तारीख बता रहे हैं। अब सिंतबर के बाद अस्पताल शुरू होने की बात कही जा रही थी लेकिन अगस्त का भी एक …
बरेली, अमृत विचार। खुर्रम गौटिया के पास 300 बेड का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बीते नौ साल बाद भी पूरा बनकर तैयार नहीं हो सका है। मंत्री से लेकर अधिकारी तक बस तारीख पर तारीख बता रहे हैं। अब सिंतबर के बाद अस्पताल शुरू होने की बात कही जा रही थी लेकिन अगस्त का भी एक पखवाड़ा बीतने जा रहा लेकिन अस्पताल अब तक स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर तक नहीं हो सका है।
कोरोना के समय में इसे कोविड मरीजों के लिए संचालित कर दिया गया लेकिन ओपीडी व अन्य सुविधाएं अभी तक नहीं शुरू हो सकी हैं। जब भी अस्पताल में किसी मंत्री या अफसर का दौरा होता है तो 300 बेड अस्पताल में को चालू करने की बात कही जाती है। वैसे ये अधिकारी भी जानते हैं कि इस अस्पताल को शुरू करना आसान नहीं है।
वजह है, डाक्टरों-स्टाफ की कमी। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग को डाक्टर नहीं मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरह जिले के छह डाक्टरों के त्यागपत्र भी शासन से मंजूर हो गए हैं। ऐसे में भला अस्पताल शुरू करने के लिए डॉक्टर कहां से आएंगे। दूसरी बड़ी समस्या पैरामेडिकल स्टाफ की है। जिला अस्पताल समेत सीएचसी-पीएचसी पर ही स्टाफ की कमी है।
वर्ष 2012 में मानसिक अस्पताल की जमीन पर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनना शुरू हुआ था। 72 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को 2015 में पूरा किया जाना था, लेकिन बार-बार बिल्डिंग के निर्माण को पूरा करने की तारीखें बढ़ती चली गईं। बजट भी रिवाइज किया गया। दो साल से अस्पताल की बिल्डिंग में ओपीडी शुरू कराने का दावा हो रहा है, लेकिन शुरू अब तक नहीं हो सकी है। देखरेख के अभाव में अस्पताल की बिल्डिंग में रखे उपकरण धूल फांक रहे हैं।
हालांकि अब भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। मुख्य गेट का निर्माण कर उसके सामने खड़ी दीवार को भी ढहा दिया गया है। सीएमओ डा. बलवीर सिंह ने कार्यदायी संस्था के हवाले से बताया कि जल्द ही भवन स्वास्थ्य विभाग को मिल सकता है। संस्था इन दिनों भवन की फिनिशिंग का कार्य कर रही है, जो हफ्ते भर में पूरा करने का दावा राजकीय निगम की ओर से किया जा रहा है।
- 300बेड अस्पताल शुरु होने से काफी राहत मिलेगी। इससे गंभीर मरीजों को दिल्ली-लखनऊ के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। -शिवम, आवास विकास कालोनी
- काफी सालों से हमे अस्पताल शुरु होने का इंतजार है। भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जिला अस्पताल होने के चलते एंबुलेंस भी पहुंचने में समय लगता है। -निशांत, कर्मचारी नगर
- कोरोना काल में अस्थाई तौर पर अस्पताल शुरु होने से लोगों को काफी राहत मिली थी। आमजन के लिए सारी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने से जिलेवासियों को फायदा होगा। -ओमपाल
- जिला अस्पताल परिसर में जगह कम होने की वजह से सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं हो पाता है। 300बेड अस्पताल शुरु होने के बाद बेहतर सुविधाएं मिलना शुरु हो जाएंगी। -दिनेश पाल सिंह
शासन को डॉक्टर मुहैया कराने के लिए पत्र भेजा गया है। विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम मिलने के बाद अस्पताल को पूरी तरह संचालित किया जाएगा। कोरोना की पहली लहर के खतरे को देखते हुए अस्थायी रूप से कोरोना के मरीजों का उपचार शुरू करा दिया गया था। राजकीय निगम के अधिकारियों से बात चल रही है। जल्द ही अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर किया जाएगा। -डा. बलवीर सिंह, सीएमओ।
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