दिल का रखें ध्यान ताकि ब्लड सप्लाई न हो जाए बंद
हमारी Eating Habits और जीवन शैली के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। हाल ही में टीवी स्टार सिद्धार्थ शुक्ला हार्ट अटैक की वजह से इस दुनिया को छोड़कर चले गए। दरअसल हार्ट अटैक हमारे दिल को ब्लड सप्लाई करनेवाली धमनी के अचानक ब्लॉकेज का नतीजा होता है। हार्ट एक मसल है जिसे …
हमारी Eating Habits और जीवन शैली के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। हाल ही में टीवी स्टार सिद्धार्थ शुक्ला हार्ट अटैक की वजह से इस दुनिया को छोड़कर चले गए। दरअसल हार्ट अटैक हमारे दिल को ब्लड सप्लाई करनेवाली धमनी के अचानक ब्लॉकेज का नतीजा होता है। हार्ट एक मसल है जिसे हेल्दी रखने के लिए अच्छी ब्लड सप्लाई की जरूरत होती है। ये आपके पूरे शरीर में ब्लड को पम्प करता है। ब्लड में ऑक्सीजन और पोषक तत्व होते हैं जिनकी जरूरत शरीर को सही कार्य करने के लिए होती है।
हार्ट को सही से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन युक्त ब्लड की निरंतर सप्लाई चाहिए। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, धमनियों की अंदरुनी दीवारें क्षतिग्रस्त और मैल या फैट्स के कारण सिकुड़ने लगती है। जब उनमें से कोई दीवार टूटती है, तो ब्लड सेल्स और ब्लड के दूसरे हिस्से क्षतिग्रस्त हिस्से चिपक कर ब्लड क्लॉट्स का निर्माण करते हैं।
हार्ट अटैक उस वक्त होता जब ब्लड क्लॉट पूरी तरह ब्लड के प्रवाह को रोक देता है और हार्ट के मसल्स तक ब्लड प्रवाह कम कर देता है। इस दौरान, मरीज सीने में दर्द का भी अनुभव करता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक आने से पहले अगर आपके सीने में दर्द, बेचैनी या किसी प्रकार का दबाव है, जो आपकी बाहों (विशेष रूप से बाएं हाथ), जबड़े, गले और कंधे में होता है तो संभावना है कि आपको हार्ट अटैक आ रहा है। अगर आप अचानक ठंडे पसीने से तरबतर हो जाते हैं तो इसे अनदेखा न करें, खासकर जब आप दिल के दौरे के अन्य लक्षणों से गुजर रहे हों।
इसके अलावा अगर आपको छाती में किसी प्रकार की असहजता के साथ सीने में बेचैनी हो रही है तो यह दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। साक्ष्य बताते हैं कि दिल के दौरे के दौरान महिलाओं को इस तरह से महसूस होने की अधिक संभावना होती है। वहीं दिल की तेज धड़कन, कई कारकों का परिणाम हो सकता है जिनमें अत्यधिक कैफीन का सेवन और सही से नींद न आना शामिल हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपका दिल सामान्य से कुछ सेकंड के लिए तेजी से धड़क रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की जरूरत है।
हार्ट अटैक की कैसे हो रोकथाम
हार्ट अटैक को किसी निश्चित उम्र के लिए खास नहीं किया जा सकता, ये किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन 40 साल से ऊपर होने पर उसकी संभावना ज्यादा हो जाती है। इसलिए, अपने डॉक्टर से सलाह लें और पूरे शरीर का नियमित चेकअप के लिए जाएं जिससे पता चल सके कि कार्डियोवैस्कुलर रोग का कोई जोखिम तो नहीं है।
रोकथाम प्रक्रिया बिल्कुल जरूरी है, इसलिए उसे आपकी जिंदगी के शुरुआती चरण में शुरू होना चाहिए। मूल्यांकन और परामर्श के बाद सेहतमंद जिंदगी जीने और हार्ट अटैक को जोखिम कम करने के लिए डाइट प्लान का पालन करें। डाइट प्लान और इलाज के साख कभी खिलवाड़ न करें. सही दवा लें और हमेशा अपने कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क में रहें।
हार्ट अटैक से बचाव के टिप्स
अपनी जीवन शैली में बदलाव करना और कुछ स्वस्थ आदतें अपनाने से आपके दिल के दौरे के जोखिम कम हो सकता है।
- एक स्वस्थ, संतुलित आहार खाएं। हरी सब्जियां, फल, नट्स, मछली अपनी डाइट में शामिल करें।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
- अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के स्तर और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें। शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने के लिए यह बेहद आवश्यक है। हार्ट अटैक के पीछे मोटापा एक प्रमुख जोखिम कारक है।
- मेडिटेशन, योग व्यायाम का अभ्यास करके तनाव को प्रबंधित करें।
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