बरेली: कपड़ा कंपनियों के प्रतिनिधि बाजार में तालाश रहे ‘ऑर्डर’

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप थमने पर अनलॉक में मिली छूट के बाद व्यापार का तौर तरीका बदला गया है। व्यापारियों ने जहां उधारी बंद कर दी। वहीं आर्थिक हालात सुधारने के लिए सर्दियों का कपड़ा तैयार कर चुके निर्माता खुद ऑर्डर लेने के लिए बाजार का रुख कर रहे हैं। …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप थमने पर अनलॉक में मिली छूट के बाद व्यापार का तौर तरीका बदला गया है। व्यापारियों ने जहां उधारी बंद कर दी। वहीं आर्थिक हालात सुधारने के लिए सर्दियों का कपड़ा तैयार कर चुके निर्माता खुद ऑर्डर लेने के लिए बाजार का रुख कर रहे हैं। जबकि कोरोना काल से पहले स्थिति उलट हुआ करती थी। कपड़ा निर्माताओं को व्यापारी ऑर्डर देते थे।

कारोबारी बताते हैं कि सर्दियों को लेकर अगस्त से सितंबर के बीच व्यापारी माल स्टाक कर लेते हैं लेकिन इस बार मात्र 40 फीसदी ही ऑर्डर किये गए हैं। इस कारण दूसरे राज्यों में स्थित कपड़ा कंपनियों के प्रतिनिधि खुद ऑर्डर के लिए बाजार में कारोबारियों से संपर्क कर रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक गर्मियों का सीजन लगभग निकल चुका है, जमा पूंजी भी नहीं निकली। ऐसे हालात में वे सर्दियों के कपड़ों के स्टॉक में पूंजी लगाने से हिचक रहे हैं। यही कारण है कि बाजार में अस्थिरता के दौर को लेकर सर्दियों के कपड़े तैयार कर चुकीं कंपनियां बाजार में ऑर्डर तलाश रही हैं।

यहां से आता है सर्दियों का कपड़ा
सर्दियों का माल सबसे अधिक लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, पानीपत व दिल्ली से आता है। लुधियाना से स्वेटर, जैकेट, शॉल और अमृतसर व जालंधर से कंबल आते हैं। इसके अलावा पानीपत से रजाइयां आती हैं। पानीपत से हौजरी के कपड़े भी बड़े पैमाने पर आते हैं।

50 फीसदी ने नहीं मंगाया माल
व्यापारी गर्मी का सीजन लगभग गवां चुके हैं। लेकिन तीसरी लहर का खतरा बरकरार है इसलिए सर्दियों के स्टाक को लेकर कपड़ा निर्माता लगातार ऑर्डर देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सिर्फ 40 फीसदी माल मंगाने का निर्णय लिया है। – दर्शनलाल भाटिया, कपड़ा कारोबारी

ऑन डिमांड मंगाएंगे सर्दियों के कपड़े
तीसरी लहर का खतरा बरकरार है। लॉकडाउन से कपड़ा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ। ब्रांडेड कंपनियों को दिये जाने वाले ऑर्डर निरस्त करने पड़े थे। व्यापारी बाजार के हालात देखते हुए पूंजी फंसाना नहीं चाहते हैं। ऑन डिमांड ही सर्दियों के कपड़े मंगाए जाएंगे। – अनुपम कपूर, अध्यक्ष, बरेली होलसेल कपड़ा कमेटी

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