हिन्दी शब्द-विमर्श का जर्जर खूँटा: पूर्वग्रह बनाम पूर्वाग्रह
▪’पूर्वग्रह’ और ‘पूर्वाग्रह’ में सही क्या है? हिन्दी के तमाम लेखकों के यहाँ समान आशय में दोनों का ही इस्तेमाल नज़र आता है। एक ही व्यक्ति समान भाव से दोनों पदों का प्रयोग करता हुआ भी दिखता है। अनेक सन्दर्भों में पूर्वग्रह का प्रयोग करते हुए कोष्ठक में पूर्वाग्रह भी लिख दिया गया है। कोशकारों …
▪’पूर्वग्रह’ और ‘पूर्वाग्रह’ में सही क्या है? हिन्दी के तमाम लेखकों के यहाँ समान आशय में दोनों का ही इस्तेमाल नज़र आता है। एक ही व्यक्ति समान भाव से दोनों पदों का प्रयोग करता हुआ भी दिखता है। अनेक सन्दर्भों में पूर्वग्रह का प्रयोग करते हुए कोष्ठक में पूर्वाग्रह भी लिख दिया गया है। कोशकारों नें यही तरीका अपनाया है।
▪आमतौर पर इस सन्दर्भ में ‘पूर्वग्रह’ को संस्कृत का शब्द बताया जाता है और ‘पूर्वाग्रह’ को ‘पूर्वग्रह’ का परिवर्तित रूप। मगर जिस तौर पर हिन्दी में यह प्रयुक्त होता है, संस्कृत कोशों में नहीं दिखता। संस्कृत साहित्य में इसकी व्याप्ति है या नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। अलबत्ता हिन्दी, मराठी, गुजराती में ज़रूर ‘पूर्वग्रह’ बरता जाता है।
▪हिन्दी में ‘पूर्वाग्रह’ ज्यादा चलता है। मगर ‘पूर्वग्रह’ की उपस्थिति भी खूब है। मराठी में ‘पूर्वपक्ष’ भी इसी अर्थ में है। हालाँकि ‘पूर्वग्रह’ से भी मराठी भलीभाँति परिचित हैं और बरता जाता है। मराठी में इसका आशय है किसी विषय पर पहली बार में ही बना ली गई धारणा अथवा प्रथमदृष्टया मत। पूर्वनिर्णय। प्रीजुडिस आदि है।
▪विषय-सन्दर्भ के मुताबिक इसमें भय, आशङ्का जैसे भाव भी आ जाते हैं। गुजराती में भी ‘पूर्वग्रह’ शब्द prejudice के अर्थ में ही प्रयुक्त होता है। हिन्दी निदेशालय द्वारा प्रकाशित गुजराती-हिन्दी-अंग्रेजी कोश में गुजराती के ‘पूर्वग्रह’ का हिन्दी अनुवाद ‘पूर्वाग्रह’ ही दिया गया है।
▪हिन्दी में ‘पूर्वाग्रह’ का अर्थ किसी चीज़, व्यक्ति, वस्तु अथवा विचार के बारे में बिना सम्यक जाने-परखे कोई धारणा बना लेना है। पूर्वधारणा, पूर्वबोध, पक्षपात, सन्देह, विपरीत सोच आदि। आमतौर पर इसे नकारात्मक अर्थ में ही लिया जाता है। मराठी में ‘पूर्वग्रह’ के समानार्थी या पर्याय के तौर पर ‘पूर्वपक्ष’ शब्द भी है। दाते के कोश में इसका आशय ‘एखाद्या गोष्टी- बद्दल प्रथमदर्शनी झालेलें मत’ है अर्थात किसी विषय में पहली नज़र में बना ली गई धारणा। जबकि वझे साहब के कोश में पूर्वग्रह का आशय The former impression बताया गया है। ज़ाहिर है ‘पूर्वग्रह’ और ‘पूर्वपक्ष’ एक ही बात प्रक्षेपित कर रहे हैं।
▪हिन्दी ने ‘पूर्वग्रह’ व ‘पूर्वाग्रह’ दोनों को स्वीकार किया है और दोनों ही प्रचलित है। किसी एक को सही या ग़लत ठहराने की क़वायद करने की ज़रूरत नहीं। ग्रह में धरने, पकड़ने, खींचने, पाने का भाव है। सन्धि, समास से बने दोनों पदों में ये अर्थ भलीभाँति उभरते हैं। किसी में अनर्थ नहीं होता।
▪निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि हिन्दी के जानकारों की निगाह में ‘पूर्वग्रह’ और ‘पूर्वाग्रह’ दोनों ही एक दूसरे के पर्यायी शब्द हैं। ‘पूर्वाग्रह’ में पूर्व+आग्रह की सन्धि है। आशय किसी चीज़ (वस्तु, व्यक्ति, स्थान, वाद) के बारे में पहले से धारणा, मत अथवा विचार विचार बना लेना है। कह सकते हैं रूढ़ धारणा बना लेना। ‘पूर्वग्रह’ में पूर्व+ग्रह का समास है। ‘ग्रह’ में थामने, पकड़ने, जकड़ने का भाव है। पूर्वग्रह वह, जो पूर्वग्रहीत है अर्थात जिसे पहले से दिमाग़ में बिठा रखा हो। बिना सम्यक विचार किए सिर्फ़ रूढ़ि या परम्परा के आधार पर राय बना लेना अथवा अपने ही सीमित ज्ञान के आधार पर कोई मत कायम कर लेना। तो कुल मिला कर दोनों का आशय एक ही है।
▪पूर्वग्रह को ‘पूर्व’ और ‘ग्रह’ जैसे शब्दों से जोड़ कर बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। ‘पूर्व’ को हम पुराना, चला आ रहा, पहले का, प्राचीन, परम्परागत, ढर्रा, रूढ़ि, दायरा वग़ैरह से जोड़ सकते हैं। इसी तरह ‘ग्रह’ को ग्रहण लगने या ग्रहण करने के अर्थ में स्वीकार करने, पाने, थामने जकड़ने से जोड़ कर देख सकते हैं। इस तरह पूर्वग्रह में पहले से चली आ रही संकल्पना, बोध, आशंका, समझ, धारणा, विचार, अनुभव, प्रभाव, जकड़न, मत, राय अथवा भावना को समझ सकते हैं।
▪एक और बात। पूर्वग्रह अज्ञेय या अशोक वाजपेयी का चलाया नहीं है, जैसा कि इस सन्दर्भ में कुछ लोग हमेशा हवाला देते आए हैं। दोनों शब्दों की हिन्दी शब्दसागर में प्रविष्टि मिलती है जो करीब नब्बे बरस पुराना है। तब तक अज्ञेय ने इतना या ऐसा कुछ नहीं लिखा था कि साहित्यिक प्रयोग के नाम से उसे कोश में दर्ज़ किया जाता। बाकी मराठी और गुजराती कोशों में पूर्वग्रह की मौजूदगी डेढ़ सौ बरस पहले से नज़र आती है। शब्द coin ज़रूर होते हैं पर उसके पीछे किसी का नाम देखना व्यक्तिपूजा जैसा लगता है।
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