रामपुर : दुनिया भर में धूमधाम से मनाते हैं पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्मदिन
रामपुर, अमृत विचार। 12 रबी उल अव्वल को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन ईदुल मीलादुन्नबी के नाम से मशहूर है। इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख 571ई. में पैंगबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम का जन्म हुआ और रबी-उल-अव्वल के 12वें …
रामपुर, अमृत विचार। 12 रबी उल अव्वल को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन ईदुल मीलादुन्नबी के नाम से मशहूर है। इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख 571ई. में पैंगबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम का जन्म हुआ और रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही हजरत मोहम्मद साहब की वफात हुई।
हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम के पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम आमना बीबी था। हजरत मोहम्मद साहब को 610ई. में मक्का के हिरा नाम की गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसके बाद ही उन्होंने इस्लाम धर्म की पवित्र कुरान का उपदेश दिया था।। हजरत मोहम्मद साहब का कहना था कि सबसे नेक इंसान वही है, जिसमें इंसानियत (मानवता) होती है।
हजरत मोहम्मद साहब ने कहा कि जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा सम्मान करता है। हजरत मोहम्मद साहब की एक हदीस है कि इल्म हासिल करने के लिए चीन जाना पड़े तो जाओ। 1588 ई. में उस्मानिया साम्राज्य में 12 रबी उल अव्वल त्यौहार का प्रचलन जन मानस में सर्वाधिक प्रचलित हुआ। 19 अक्तूबर को जश्ने ईदुल मीलादुन्नबी होगा और शहर में किला मैदान से हजरत हाफिज शाह जमालुल्लाह की मजार शरीफ तक जुलूस निकलेगा।
12 रबी उल अव्वल को निकलते हैं जुलूस और होते हैं जलसे
12 रबी उल अव्वल को जुलूस निकलते हैं और मस्जिदों को सजाया जाता है और जलसे होते हैं जलसे में हजरत मोहम्मद साहब की जिंदगी से जुड़े तमाम पहलुओं को बयान किया जाता है। कुरआन की तिलावत और इबादत भी की जाती है। गरीबों को दान-पुण्य भी दिए जाते हैं
