बरेली: शायरी और कविता की खुशबू से महकेगा ‘अमृत विचार’ का मंच
बरेली, अमृत विचार। दैनिक अमृत विचार के शानदार दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 27 नवंबर को बरेली कालेज, बरेली के हॉकी मैदान में होने जा रहे राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में देश के जाने-माने शायर और कवि अपनी कलम का जादू बिखेरेंगे। मंच से जहां कविता की लय उठेगी तो वहीं दिल …
बरेली, अमृत विचार। दैनिक अमृत विचार के शानदार दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 27 नवंबर को बरेली कालेज, बरेली के हॉकी मैदान में होने जा रहे राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में देश के जाने-माने शायर और कवि अपनी कलम का जादू बिखेरेंगे। मंच से जहां कविता की लय उठेगी तो वहीं दिल को छू लेने वाली शायरी गूंजेगी। कार्यक्रम में प्रसिद्ध शायर प्रो. वसीम बरेलवी को सम्मानित भी किया जाएगा।
इस आयोजन का गवाह पूरा शहर ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी बनेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के जाने माने शायर और कवियों की स्वीकृति मिली है। मुख्य रूप से इस कार्यक्रम में प्रख्यात शायर प्रो. वसीम बरेलवी को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुंबई से गीतकार हसन कमाल, रामपुर से ताहिर फ़राज़, मुंबई से अशरफ अली राना सहरी, इकबाल अशहर, मुरादाबाद से मंसूर उस्मानी, अलापुर (बदायूं) से हसीब सोज़, मीरगंज से अकील नोमानी, कानपुर से शबीना अदीब तशरीफ ला रही हैं। वहीं कवियों में मुरादाबाद से डा. माहेश्वर तिवारी, दिल्ली से डा. प्रवीण शुक्ल, डा. विष्णु सक्सेना, गुड़गांव से डा. अरुण जैमिनि, दिल्ली की गीतकार डा. कीर्ति काले, कानपुर से डा. कल्पना शुक्ला और मेरठ की डा. अनामिका अंबर जैन काव्यपाठ करने आएंगी।
सौहार्द की भावना पैदा करते हैं ऐसे आयोजन : कल्पना
कवियत्री डा.कल्पना शुक्ला का कहना है कि अमृत विचार के शानदार दो साल पूरे होने पर 27 नवंबर को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा होने जा रहा है। ऐसे आयोजन सौहार्द की भावना पैदा करते हैं। एक ही मंच से उर्दू शायरी और हिंदी कविता की जब लय उठती हैं तो यह नया संदेश देगी। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ लोग देश में नफरत पैदा करने की कोशिशें करते हैं, दूसरी तरफ ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने काम करते हैं, राष्ट्रीय एकता को भी मजबूत करते हैं।
वहीं इनका संदेश दूर तक जाता है। शायर और कवि नफरत पैदा करने वालों को अपनी रचनाओं से मुंहतोड़ जवाब देते हैं। अमृत विचार ने ऐसा आयोजन बड़े स्तर पर रखकर अच्छा संदेश देने का काम किया है। इस कार्यक्रम में विख्यात शायर वसीम बरेलवी का सम्मान किया जाना वास्तव में कार्यक्रम में चार चांद लगाने का काम करेगा।
दूर तक जाती है शायरी के साथ कविता की गूंज : शबीना
प्रख्यात शायरा शबीना अदीब का कहना है कि कविता और शायरी जब एक ही मंच से गूंजती है तो इसकी आवाज दूर तक जाती है। यह देश को संदेश देती है और हमारे देश के जिम्मेदारों के लिए सबक भी बनती है। अमृत विचार ने अपने सफलतम दो साल पूरे होने पर 27 नवंबर को ऐसा शानदार आयोजन रखकर बेहतरीन संदेश देने की कोशिश की है। यह आयोजन एक मिसाली आयोजन बनेगा। देश भर के जाने माने कवि और शायरों की मौजूदगी से उर्दू अदब के साथ ही हिंदी कविता की खुशबू फैलेगी।
इस कार्यक्रम में मेरे करम फरमा और दुनिया में अपनी शायरी से प्रसिद्धि पा चुके प्रख्यात शायर वसीम बरेलवी का सम्मान होना अपने आप में बड़ा काम है। ऐसे आयोजन उर्दू के साथ ही हिंदी साहित्य को जहां ऊंचाई पर ले जाते हैं, वहीं इस बदलते जमाने में लोगों को पढ़ने और पढ़ाने की ललक भी पैदा करते हैं।
जज्बात का इजहार करने का तरीका है शायरी : अकील नोमानी
जाने माने शायर अकील नोमानी का कहना है कि शायरी या कविता एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये श्रोताओं तक उनके जज्बात का इजहार किया जाता है। उनकी भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। शायरी या कविता के माध्यम से इसे सभी आसानी से समझ लेते हैं। हिंदी और उर्दू में कोई अंतर नहीं है। हम लोग न तो शुद्ध हिंदी बोलते हैं और न शुद्ध उर्दू। अरबी, फारसी को मिलाकर एक हिंदुस्तानी जबान बनती है, वही हम सब बोलते हैं और यह अखबार की भी भाषा है।
हिंदी में केवल इतना अंतर है कि वो देवनागरी में लिखी जाती है। उन्होंने अमृत विचार के आयोजन को मिसाली आयोजन बताया और कहा कि इसमें जश्ने वसीम बरेलवी का आयोजन और उनका सम्मान साहित्य का सम्मान है। पूरी दुनिया में अपने साहित्यक योगदान से उन्होंने अपनी चमक बिखेरी है जिससे बरेली का भी दुनिया में नाम हुआ है।
हिंदी-उर्दू का अनूठा संगम शायरी-कविता : अनामिका अंबर
कवियत्री डा. अनामिका अंबर जैन कहती हैं, जब देखना कायनात को अपनी उड़ान से, हमको लगी बुलंद जमीं आसमान से। गीतों गजलों की शाम हिंदी-उर्दू का अनूठा संगम होती है। अमृत विचार अखबार ने अपनी स्थापना के दो वर्ष सफलता पूर्वक पूरे करने पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करके सौहार्द भरा संदेश दिया है। कविता और शायरी के माध्यम से श्रोताओं की जिज्ञासा को पूरा किया जाता है। 27 नवंबर को बरेली में होने वाले आयोजन में वह अपना नया संग्रह लेकर पहुंच रही हैं।
इस कार्यक्रम में प्रख्यात शायर वसीम बरेलवी का सम्मान किया जाएगा, जोकि अपने आप में दुनिया में बड़ा नाम हैं। ऐसी शख्सियत का सम्मान होने से साहित्यक कार्यक्रमों की खूबसूरती बढ़ती है। उन्होंने अपने प्रशंसकों से कार्यक्रम में बड़ी तादात में पहुंचने का भी आह्वान किया है।
