बरेली: बीडीए मालामाल, सौ के बाद अब दो सौ करोड़ की कराई एफडी
बरेली, अमृत विचार। कर्ज में डूबे बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की आर्थिक स्थिति लगातार बेहतर हाती जा रही है। अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण, नक्शा पास करने सहित तमाम दूसरी कार्रवाई से बीडीए के राजस्व में इतना इजाफा हो गया है कि पिछली बार 100 करोड़ के बाद दूसरी इस बार 200 करोड़ रुपये की बैंक …
बरेली, अमृत विचार। कर्ज में डूबे बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की आर्थिक स्थिति लगातार बेहतर हाती जा रही है। अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण, नक्शा पास करने सहित तमाम दूसरी कार्रवाई से बीडीए के राजस्व में इतना इजाफा हो गया है कि पिछली बार 100 करोड़ के बाद दूसरी इस बार 200 करोड़ रुपये की बैंक में एफडी खुला ली है। बरेली विकास प्राधिकरण के अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 300 करोड़ की एफडी बैंक में खुली है। बीडीए की वित्तीय हालत में आए सुधार के बाद अब विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
एक साल पहले बीडीए बैंकों के कर्ज में इसलिए डूबा हुआ था, क्योंकि उसकी तमाम आवासीय योजना ठप पड़ी थी। प्राधिकरण की आवासीय योजना को लेने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे थे। अचानक एक साल में यह बदलाव हुआ। प्राधिकरण ने रामगंगा नगर आवासीय योजना की भूमि अर्जन के लिए बैंकों से लोन लिया और 42 करोड़ का लोन का भुगतान भी कर दिया। रामगंगानगर आवासीय योजना के भूखंडों की बिक्री में भी काफी मांग बढ़ गई है। एक साल के अंदर अवैध कॉलोनियों पर की गई कार्रवाई, अवैध निर्माण, सीलिंग की कार्रवाई के अलावा शमन शुल्क में प्राधिकरण को बड़ी आमदनी हुई।
एक साल में बरेली विकास क्षेत्र के अंतर्गत अवैध कालोनियों एवं अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। अर्बन सीलिंग विभाग से प्राप्त भूमि जो अवैध कब्जों में थी उन्हें कब्जा मुक्त कराया गया। मानचित्र समाधान सप्ताह का आयोजन कर लम्बित ऑनलाइन मानचित्रों, प्रशमन मानचित्रों का निस्तारण कराया गया। जिससे प्राधिकरण की आय में बढ़ोत्तरी हुई। डोहरा रोड से बीसलपुर रोड को मिलाने वाली 45 मीटर रोड का कार्य व्यवधान का निस्तारण करते हुए निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।
बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि तमाम प्रयासों से रामगंगा नगर आवासीय योजना में भूखण्डों की बिक्री एवं मानचित्रों की स्वीकृति से इतनी धनराशि प्राप्त हुई कि कई साल से कर्ज में डूबे प्राधिकरण द्वारा सितम्बर 2021 में 100 करोड़ की एफडीआर कराने के तीन माह बाद ही 200 करोड़ की एक और एफडी करा दी गयी।
