बरेली: 60 लाख जमा, मगर समिति के दोनों बैंक खाते फ्रीज, उत्तरायणी मेले पर संकट

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बरेली, अमृत विचार। मार्च, 2020 में आए कोविड-19 संक्रमण की वजह से जनवरी 2021 में उत्तरायणी मेला नहीं लग पाया था। इस बार कोविड-19 संक्रमण तो न के बराबर है लेकिन उत्तरायणी जन कल्याण समिति के निर्वाचित पदाधिकारी और पूर्व पदाधिकारियों के बीच खींचतान से तीन दिन लगने वाला मेला प्रभावित हो रहा है। विवाद …

बरेली, अमृत विचार। मार्च, 2020 में आए कोविड-19 संक्रमण की वजह से जनवरी 2021 में उत्तरायणी मेला नहीं लग पाया था। इस बार कोविड-19 संक्रमण तो न के बराबर है लेकिन उत्तरायणी जन कल्याण समिति के निर्वाचित पदाधिकारी और पूर्व पदाधिकारियों के बीच खींचतान से तीन दिन लगने वाला मेला प्रभावित हो रहा है। विवाद की वजह से एक माह से समिति के दोनों बैंक खाते फ्रीज चल रहे हैं। उनमें करीब 60 लाख रुपया जमा है।

फ्रीज होने से समिति के अध्यक्ष और महामंत्री एक रुपया भी नहीं निकाल पा रहे हैं। टकराव की वजह से उत्तरायणी मेले की तैयारियां भी अधूरी बताई जा रही हैं। कमेटी के पदाधिकारी अभी तक प्रशासन से मेला लगवाने के लिए अनुमति भी नहीं ले सके हैं। हालांकि, अनुमति लेने को नगर मजिस्ट्रेट और फायर ब्रिगेड कार्यालय में आवेदन कर दिया है।

दिसंबर भी गुजरने को है। ऐसे में मेला लगाने की निर्धारित तारीखें नजदीक आती जा रही हैं। 13 से 15 जनवरी तक मेला लगेगा। ये तारीखें पिछले माह ही घोषित की गई थीं। तैयारियां पूरी करने और अनुमति लेने के साथ खातों से पाबंदी हटाने के लिए महज 20 दिन शेष बचे हैं। मनमुटाव की वजह से उत्तराखंड से लेकर बरेली व आसपास के पहाड़ के कारोबारियों को झटका लगने की स्थिति बनते दिख रही है। एक पदाधिकारी ने बताया कि मेला की तैयारियां दो माह पहले शुरू हो जाती हैं।

पूर्व में जितने भी मेला लगे, जनवरी के प्रथम सप्ताह से ही मेला सजने की तैयारियों के बीच स्टाल लगने शुरू हो जाते थे, लेकिन इस बार समिति के पदाधिकारी आपस में उलझे हुए हैं। सहायक रजिस्ट्रार अवनीश कुमार के यहां से पूर्व पदाधिकारियों द्वारा लगाए आरोंपों पर जवाब मांगने के लिए नोटिस भी जारी हुआ है। इधर जिलाधिकारी ने समिति में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम को जांच अधिकारी बनाया है।

चुनाव कराए जाने से बिखर गई 28 साल पुरानी समिति
28 साल के बाद पहली बार उत्तरायणी जन कल्याण समिति में चुनाव कराया गया। कुछ पदाधिकारियों ने चुनाव कराने की चिंगारी को हवा दी और चुनाव की नौबत आ गई। यहीं से टकराव शुरू हो गया। कुछ लोगों ने अपना हित साधने के लिए चुनाव करवा दिया, जबकि 28 साल से इस समिति का अध्यक्ष आपसी सहमति से बनने के साथ कार्यकारिणी घोषित होती आ रही थी।

अब सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स कार्यालय तक मामला पहुंचा है। वर्तमान कमेटी के पदाधिकारियों पर नियमों को ताक पर रखकर प्रबंध कार्यकारिणी गठित करने समेत अन्य आरोप लगाए, जिनकी जांच चल रही हैं। धन के दुरुप्रयोग की आशंका को देखते हुए पूर्व पदाधिकारियों ने समिति के दोनों खाते फ्रीज कराए थे।

उत्तरायणी मेला लगवाने के लिए प्रशासन से एनओसी मांगी गई है। नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय के साथ फायर ब्रिगेड से भी एनओसी लेने के लिए आवेदन किया है। मेला कोविड नियमों के तहत लगवाएंगे। प्रशासन से अनुमति मिलने पर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कमेटी के पदाधिकारियों में चल रहे मनमुटाव को खत्म कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी वजह से भी मेले की तैयारियां प्रभावित हुईं। -प्रमोद बिष्ट, अध्यक्ष उत्तरायणी जन कल्याण समिति

उत्तरायणी मेला लगवाने के लिए हम सभी प्रयासरत हैं, लेकिन वर्तमान कमेटी के कुछ पदाधिकारी गड़बड़ कर रहे हैं, उसी का विरोध करते हुए हम लोगों ने प्रशासन से शिकायत की थी। बीच में समिति के दोनों खातों में करीब 60 लाख रुपये रकम फ्रीज की गई थी। जांच पूरी होने के बाद ही पाबंदियां हटेंगी। हम यही चाहते हैं कि कमेटी के सभी पदाधिकारी एकराय होकर समिति के विस्तार पर ध्यान दें।-पीसी पाठक, निवर्तमान अध्यक्ष

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