बरेली: उर्स-ए-हबीबी के मंच से पेश किए गए सुन्नी एजेंडे

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बरेली, अमृत विचार। कांकर टोला स्थित दरगाह-ए-तहसीनिया पर चल रहे तीन दिवसीय उर्से हबीबी का रविवार को कुल की रस्म के साथ समापन हो गया। उर्स के दौरान उलेमा ने मंच से इस्लाम विरोधी बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग उठाई। इससे पहले दिन भर चादरपोशी का सिलसिला चला। दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर …

बरेली, अमृत विचार। कांकर टोला स्थित दरगाह-ए-तहसीनिया पर चल रहे तीन दिवसीय उर्से हबीबी का रविवार को कुल की रस्म के साथ समापन हो गया। उर्स के दौरान उलेमा ने मंच से इस्लाम विरोधी बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग उठाई। इससे पहले दिन भर चादरपोशी का सिलसिला चला। दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर कुल की रस्म अदा करने के साथ उर्स का समापन हो गया।

हजारों की संख्या में पहुंचकर लोगों ने दरगाह पर हाजिरी दी। जानशीन-ए-हबीब-ए-मिल्लत मौलाना हसीब रजा की सदारत में कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुफ्ती मुज्जमिल साहब ने हजरत हबीब मियां के जीवन पर रौशनी डाली और कहा कि वह हमेशा दीन के रास्ते पर चले और शरीयत की पाबंदी की। सूफी विचाराधारा का प्रचार प्रसार करते रहे। उन्होंने हमेशा जरूरतमंद गरीब लोगों की मदद की। हम सबको इसी रास्ते पर चलना चाहिए। वहीं खानवादे रजविया से भी तमाम शहजादगान शिरकत करने पहुंचे।

इस मौके पर हसीब रजा खां ने दो सुन्नी एजेंडों का ऐलान किया जिसमें उन्होनें पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी और देश में फैली अराजकता पर अपनी बात रखी। उन्होनें कहा कि मुसलमान अपने पैगंबर की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। नरसिंहानंद जैसे लोग लगातार पैगंबर की शान में गुस्ताखी कर रहे हैं। लेकिन सरकार कार्रवाई करने की जगह सुरक्षा प्रदान कर रही है। वहीं देश में फैली अराजकता पर उन्होनें कहा कि इस कारण ही देश महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है।

जीडीपी के मामले में बांग्लादेश जैसे देश हमसे आगे हैं। सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे को धरातल पर उतारे और सभी अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चले। तभी देश मजबूत होगा। इस मौके पर हनी मिर्जा, सनी मिर्जा, गुलफाम अंसारी, खलील कादरी, आसिफ, दानिश आदि लोग मौजूद रहे।

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