जानें हनुमान जी पर क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर और चोला? पढ़े रोचक प्रसंग…

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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार महाबली हनुमान अजर-अमर हैं। प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान अपने भक्तों पर विशेष स्नेह बरसाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी काे चोला और सिंदूर प्रिया हैं। अगर कोई सच्चे मन से इन्हें ये अर्पण करता है तो भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि …

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार महाबली हनुमान अजर-अमर हैं। प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान अपने भक्तों पर विशेष स्नेह बरसाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी काे चोला और सिंदूर प्रिया हैं। अगर कोई सच्चे मन से इन्हें ये अर्पण करता है तो भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि कुंडली में मंगल दोष, शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव है तो मंगलवार या शनिवार को चोला और सिंदूर चढ़ाने से सारे दोषों के प्रभाव कम होते हैं।

रोचक प्रसंग
हनुमान जी को सिंदूरी चोला चढ़ाये जाने को लेकर एक प्रसंग मिलता है, कि जब वनवास के दौरान एक बार माता सीता अपनी मांग में सिन्दूर भर रहीं होतीं हैं। तब हनुमान जी वहां पहुंच जाते हैं और माता सीता को सिन्दूर भरते हुए देखते हैं, तो माता सीता से पूछते हैं कि मांग में सिन्दूर भरने का कारण क्या है?

तब माता सीता, हनुमान जी को बताती हैं कि सुहागिन स्त्रियां अपनी मांग में सिन्दूर अपने पति की लम्बी उम्र और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए भरती हैं. इस बात को जानकार हनुमान जी ने सोचा यदि माता के इतना सा सिन्दूर अपनी मांग में भरने से श्री राम की आयु लम्बी हो सकती है तो ज्यादा सिन्दूर लगाने से उनकी उम्र और लम्बी हो जाएगी।

इसी के चलते हनुमान जी ने भगवान राम की लम्बी आयु के लिए अपने पुरे शरीर को सिन्दूर से रंग लिया. इसके बाद जब हनुमान श्री राम के पास गए, और श्री राम ने जब हनुमान जी को सिन्दूर में लिपटे देखा तो उनसे इसका कारण पूछा. तब माता सीता की बात उन्होंने श्री राम को बताई।

हनुमान जी की बात सुनकर और उनका अपने प्रति निश्छल प्रेम देखकर श्री राम भावुक हो गए और प्रसन्न होकर उन्होंने हनुमान जी को वरदान दिया कि अगर कोई शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएगा तो उनकी कृपा सदैव उन भक्तों पर बनी रहेगी।

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