कुमाऊं के बाघों पर बनी पहली हॉलीवुड फिल्म, मशहूर शिकारी जिम कॉर्बेट से है इसका नाता
‘मैन ईटर ऑफ कुमाऊं’ कुमाऊं के नाम पर बनी पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म थी। फिल्म की स्क्रिप्ट मशहूर शिकारी जिम कार्बेट द्वारा 1944 में लिखी गई किताब मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं पर आधारित बताई जाती है। अधिकांश लोगों की जिम कार्बेट की किताब ‘मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं’ की जानकारी रहती है लेकिन ‘मैन ईटर ऑफ कुमाऊं’ …
‘मैन ईटर ऑफ कुमाऊं’ कुमाऊं के नाम पर बनी पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म थी। फिल्म की स्क्रिप्ट मशहूर शिकारी जिम कार्बेट द्वारा 1944 में लिखी गई किताब मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं पर आधारित बताई जाती है। अधिकांश लोगों की जिम कार्बेट की किताब ‘मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं’ की जानकारी रहती है लेकिन ‘मैन ईटर ऑफ कुमाऊं’ फिल्म के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। बायरॉन हस्किन द्वारा निर्देशित इस फिल्म को साबू दस्तगीर, वेन्डेल कोरे और जॉय पेज जैसे मंझे हुए कलाकारों ने अभिनय किया था।

हालांकि फिल्म की कहानी का जिम कार्बेट की शिकार से जुड़ी कहानियों से कुछ भी लेना-देना नहीं रहा लेकिन फिल्म में बाघ से जुड़े कुछ शानदार शॉर्ट्स काफी रोचक हैं। बाघ से जुड़े शॉर्ट्स के लिए फिल्म की दुनियाभर में तारीफ हुई। हालांकि फिल्म सफलता के आंकड़ों में ज्यादा बढोतरी दर्ज नहीं कर पाई।
फिल्म के किरदारों की बात करें तो डॉ. कॉलिंस एक किरदार है जो भारतीयों के प्रति अपनी पर्याप्त अरुचि के बावजूद बाघ के शिकार के लिए भारत की यात्रा पर है। बाघ के शिकार के दौरान डॉ. कॉलिंस भारतीय जोड़े लाली और नारायण से मिलता है। लाली और नारायण से मिलने के बाद डॉ. कालिंस के नजरिये में बदलाव होता है और वह उनसे काफी कुछ सीखते हैं। एक हिमालयी गांव के लोगों से मिलने के बाद डॉ. कॉलिंस और उसके साथियों को पूर्वाग्रहों से मुक्ति मिलती है और भारतीयों के प्रति उनका दृष्टिकोण भी बदलता है।
फिल्म समीक्षकों की मानें तो कमजोर स्क्रिप्ट और शोध न होने के कारण यह फिल्म ज्यादा सफल नहीं हो पाई लेकिन यह पहली बार था जब कुमाऊं का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्मी पर्दे पर आया हो।
