लखनऊ: प्रयोग हो चुके खाद्य तेल के निस्तारण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयुक्त से मांगा जवाब

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक बार प्रयोग में लाये जा चुके खाद्य तेल को एकत्र कर उसके निस्तारण की प्रक्रिया निर्धारित करने के मामले में उत्तर प्रदेश के आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से जवाब तलब किया है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव …

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक बार प्रयोग में लाये जा चुके खाद्य तेल को एकत्र कर उसके निस्तारण की प्रक्रिया निर्धारित करने के मामले में उत्तर प्रदेश के आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से जवाब तलब किया है।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने प्रयोग में लाये जा चुके कुकिंग ऑयल की निस्तारण प्रक्रिया की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दाैरान मंगलवार को प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त से इस मामले में निजी हलफनामा पेश करने को कहा है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रयोग किये जा चुके कुकिंग ऑयल को एकत्र कर इसके इस्तेमाल की मानकीकृत प्रक्रिया के निर्धारण एवं पालन के लिये राज्य स्तरीय समिति का गठन की मांग की है।

गौरतलब है कि खाद्य तेलों को एक बार इस्तेमाल किये जाने के बाद इनकी रासायनिक बनावट में इस प्रकार का बदलाव हो जाता है, जिसेसे इसमें कैंसर का कारक बनने वाले तत्व शामिल हो जाते हैं। इसलिये एक बार इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेलों का दोबारा प्रयोग नहीं करने की हिदायद दी जाती है।

अदालत ने कहा कि इस याचिका में जनस्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषय को उठाया गया है, लिहाजा अदालत ने राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्त काे एक बार इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेलों के उचित निस्तारण के मानक एवं प्रक्रिया बताने को कहा है।

गौरतलब है कि एक बार इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेलों के पुन:प्रयोग का सर्वाधिक खतरा होटल, रेस्तरां एवं खाद्य श्रृंखला से जुड़े अन्य स्थानों पर सबसे ज्यादा होता है।

अदालत ने उदगम्य सेवा समिति सोसाइटी द्वारा पेश जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। याचिकाकर्ता पक्ष के वकील अनघ मिश्रा ने अदालत को बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) खाद्य तेलों का एक बार प्रयोग होने के बाद इसके उपयुक्त निस्तारण एवं एकत्रीकरण के बारे में पहले भी कई बार दिशानिर्देश जारी कर चुका है।

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा प्रयोग में लाये जा चुके कुकिंग ऑयल के निस्तारण एवं एकत्रीकरण हेतु अब तक कोई मानक एवं प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गयी है। इस वजह से प्रदेशवासियों की सेहत के लिये लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है।

याचिका में बताया गया कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के सक्षम प्राधिकारियों के समक्ष कई बार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया किंतु इस पर अब तक कोई उपयुक्त कार्रवाई नहीं हो पाने के कारण याचिकाकर्ता को अदालत का रुख करना पड़ा।

याचिकाकर्ता ने इस्तेमाल किये जा चुके खाद्य तेलों के प्रयोग को दोबारा खाद्य श्रृंखला में शामिल किये जाने से रोकने के लिये राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को उपयुक्त मानक बनाने का निर्देश देने की अदालत से मांग की है।

पढ़ें- लखनऊ: होली पर्व पर गुलाल बम और चटाई की धूम, चाइनीज रंग, पिचकारी गायब

संबंधित समाचार