लखनऊ: केजीएमयू के अमृत फर्मेसी में नहीं मिल रहीं लिवर की दवाएं, यहां-वहां भटक रहे मरीज
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में कई अलग-अलग राज्यों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। सरकारी होने के चलते मुफ्त इलाज के लिए मरीज केजीएमयू में आते हैं लेकिन यहां आने पर पता चलता है, कि यह तो केवल नाम का ही सरकारी अस्पताल है। दवाओं के नाम पर यहां बनी अमृत फॉर्मेसी में …
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में कई अलग-अलग राज्यों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। सरकारी होने के चलते मुफ्त इलाज के लिए मरीज केजीएमयू में आते हैं लेकिन यहां आने पर पता चलता है, कि यह तो केवल नाम का ही सरकारी अस्पताल है। दवाओं के नाम पर यहां बनी अमृत फॉर्मेसी में मरीजों से हजारों रुपये वसूले जाते हैं। वहीं ज्यादातर दवाइयां तो मिलती ही नहीं हैं जो मिलती भी हैं वह छूट के बाद भी इतनी महंगी की गरीब व्यक्ति खरीद पाने में असमर्थ हो जाता है।
लिवर की दवाइयां खत्म
मिर्जापुर निवासी सुरेश सिंह शुक्रवार को अपने लिवर का इलाज कराने केजीएमयू के गैस्ट्रो विभाग में पहुंचे। जहां डॉक्टर ने उन्हें जांच के साथ कुछ दवाएं लिखी जिसमें से एक या दो दवाएं ही उन्हें मिली जिनकी कीम एक हजार से ऊपर थी। बाकी दवाओं के लिए कहा गया की बाहर से लेनी होगी। इसी तरह और भी कई बीमारियों की दवा अमृत फॉर्मेसी में खत्म हो चुकी है अस्पताल प्रशासन इसपर विचार करने को तैयार ही नहीं वहीं मरीज दवाओं के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
ऑनलाइन की नहीं सुविधा
जहां एक तरफ योगी सरकार राजधानी को डिजिटल बनाने पर जोर दे रही है वहीं अस्पतालों में अभी भी ऑनलाइन पेमेंट लेने की सुविधा नहीं है। दूसरे शहरों से आने वाले मरीजों के पास ज्यादा पैसा कैस मे नहीं होने के कारण उन्हें ऑनलाइन पेमेंट करने की आवश्यकता होती है ऐसे में केजीएमयू के अमृत फॉर्मेसी में ऑनलाइन रुपये लेने की सुविधा अब तक नहीं की गई है।
हाल ही में एचआरएफ काउंटर बनाए गए हैं जहां मरीजों को दवाएं मुफ्त में दी जा रही हैं अमृत फॉर्मेसी में भी दवाएं मिलती हैं कुछ दवाएं होगी जो नहीं मिली होंगी।
सुधीर सिंह, केजीएमयू प्रवक्ता
