हल्द्वानी: ट्रेड यूनियनों ने दो दिवसीय हड़ताल शुरू की

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हल्द्वानी, अमृत विचार। ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। इसका असर बैंक और बीमा सेवाओं पर मुख्य रूप से देखा गया। हड़ताल के दौरान बुद्ध पार्क में विरोध सभा का भी आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने श्रम कानूनों को कमजोर किए जाने पर नाराजगी जताई। बुद्ध पार्क में ट्रेड यूनियनों की …

हल्द्वानी, अमृत विचार। ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। इसका असर बैंक और बीमा सेवाओं पर मुख्य रूप से देखा गया। हड़ताल के दौरान बुद्ध पार्क में विरोध सभा का भी आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने श्रम कानूनों को कमजोर किए जाने पर नाराजगी जताई।

बुद्ध पार्क में ट्रेड यूनियनों की संयुक्त सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि करोड़ों कामगार गरीबी और भुखमरी के शिकार हो रहे हैं तो वहीं राष्ट्र की 77 प्रतिशत संपत्ति एक प्रतिशत अमीरों के कब्जे में है। कोविड के खिलाफ फ्रंटलाइन वर्कर्स, खासकर लाखों आशा कर्मी, केंद्र और राज्य सरकारों के हाथों ठगा महसूस कर रहे हैं।

कहा कि हर साल 2 करोड़ नौकरियों देने के वादा करने वाली केंद्र सरकार की नीतियों और नोटबंदी ने रोजगार व आजीविका को भारी नुकसान पहुंचाया है। सरकार जानबूझकर ईंधन के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी कर रही है। ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने तमाम श्रम कानूनों को ही खत्म कर दिया है और इनकी जगह चार श्रम कोड कानून बना दिये हैं जिन्हें वह लागू करने की पूरी तैयारी में है।

ये और कुछ नहीं मजदूरों की गुलामी के कोड हैं। केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ बोलते हुए ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि मोदी शासन में, तमाम सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों और सरकारी विभागों के अंधाधुंध निजीकरण की मुहिम अंबानी, अडानी, टाटा सरीखों को राष्ट्रीय संपत्तियों और प्राकृतिक संसाधनों की मुफ्त बिक्री के चरम स्तर पर पहुंच गई है।

ये संगठन हुए शामिल
ऐक्टू, बीमा कर्मचारी संघ, बैंक यूनियन एआईबीओए, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, यूनियन बैंक ऑफिसर्स स्टाफ एसोसिएशन, सनसेरा श्रमिक संगठन, भाकपा (माले), आइसा, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन, सीटू, पंजाब बेवल गियर्स वर्कर्स यूनियन, बीएसएनएल कैजुअल एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ,उत्तराखंड निर्माण मजदूर यूनियन, अखिल भारतीय किसान महासभा, परिवर्तनकामी छात्र संगठन आदि के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

28-29 मार्च की हड़ताल की मुख्य मांगें –
1-चारों श्रम कोड कानून रद्द किये जाए।
2-देश की सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण व निगमीकरण पर रोक लगाई जाए।
3-एलआईसी का आईपीओ वापस लिया जाय, बैंकों के निजीकरण की कोशिशें बंद करते हुए आईडीबीआई बैंक को निजी हाथों में सौंपने के प्रयास बंद किये जाए।
4-आशा समेत सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित करते हुए वैधानिक न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए।
5-26000 न्यूनतम वेतन व 10000 रुपये मासिक पेंशन लागू की जाए।
6-पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
7-हर असंगठित मजदूर परिवार को 10000 रुपये की नियमित आय और सहायता सुनिश्चित की जाए।
8-ईपीएफ ब्याज दरों में की गई कटौती वापस लो।
9-किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं व एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए।
10-उपनल कर्मचारियों को समान काम समान वेतन दिया जाए।

ये रहे मौजूद
हड़ताल में मुख्य रूप से केके बोरा, राजा बहुगुणा, गौरव गोयल, मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. कैलाश, बीपी उपाध्याय, ललतेश प्रसाद, मनोज आर्य, ललित मटियाली, सरोज रावत, रीना बाला, आनन्द सिंह नेगी, जिया उल हक, मोहन मटियाली, उर्वा दत्त मिश्रा, बच्ची सिंह बिष्ट, सुरेश सिंह मेहता, नवीन आर्य, चंदन, दिनेश चंद्र, चतुर सिंह खत्री, रमेश चंद्र त्रिपाठी, भुवन सिंह, गोविंदी लटवाल, सरिता साहू, पुष्पा राजभर, हेमा तिवारी, रुखसाना बेगम, रेनू बेलवाल, मोहिनी बृजवासी, मालती देवी, प्रेमा घुघतियाल, पूनम बोरा, कमला बिष्ट, अशोक कश्यप, विनोद गुरुरानी, परीक्षित लोशाली, हरीश सिंह गैड़ा, हंसी फुलारा, रमा भट्ट, दीपा आर्य, सूरज कुमार वर्मा, पुष्पा आर्य, ललिता परिहार, रोशनी, रेखा आर्य, उमेश, प्रकाश सिंह, खष्टी जोशी, इंद्रपाल, मनोज स्वामी, रविन्द्र कुमार, हेमंत कुमार, हिमांशु चौधरी, एनएस कैरा, उमेश कुमार, शोभित बाजपेई, पंकज त्रिपाठी आदि शामिल रहे। सभा का संचालन ऐक्टू के हल्द्वानी नगर अध्यक्ष जोगेन्दर लाल ने किया।

बैंकों की तीन यूनियन हुईं शामिल
हड़ताल में बैंकों की तीन यूनियन ही शामिल हुई हैं। हालांकि बैंकों की कुल नौ यूनियन हैं। हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया शामिल थीं। इस वजह से सभी बैंकों में कामकाज होता रहा। हालांकि कुछ अधिकारी और कर्मचारी डेस्क पर मौजूद नहीं थे।

डाक विभाग कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू
हल्द्वानी। नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एम्प्लाइज के बैनर तले सोमवार को देश भर में डाक विभाग के कर्मचारियों ने दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। नैनीताल मंडल के सभी डाकघर में कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे रहे। डाक विभाग की हल्द्वानी शाखा यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र मर्तोलिया ने बताया कि नई पेंशन योजना को निरस्त करने व पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, डाकघर में एक सप्ताह में पांच कार्य दिवस लागू करने, निजीकरण का विरोध, अव्यावहारिक व्यवसायिक लक्ष्य बंद करना हमारा प्रमुख मांगें हैं। 29 मार्च को भी हड़ताल जारी रहेगी। इस मौके पर प्रांतीय सचिव विनय ढोंडियाल, भूपाल बिष्ट, एलएम जोशी, डाकपाल यूनियन के प्रांतीय सचिव बाबू राम दिवाकर, कामरेड चित्रा जोशी, राहुल पंत, प्रदीप उप्रेती, नरेश शर्मा, गोपाल रावत आदि रहे।

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