मुरादाबाद : काली माता के मंदिर में भर जाती है भक्तों की झोली
मुरादाबाद, अमृत विचार। लालबाग स्थित महाकाली का यह प्राचीन मंदिर सिद्धपीठ है, जहां से कोई श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता। यह केवल मान्यता ही नहीं है यहां मन्नत मांगने वाले लाखों की झोली भी भर चुकी है। मनोकामना पूरी होने के बाद श्रद्धालु मंदिर आते हैं और अपनी श्रद्धानुसार प्रसाद चढ़ाते हैं। भंडारे का भी …
मुरादाबाद, अमृत विचार। लालबाग स्थित महाकाली का यह प्राचीन मंदिर सिद्धपीठ है, जहां से कोई श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता। यह केवल मान्यता ही नहीं है यहां मन्नत मांगने वाले लाखों की झोली भी भर चुकी है। मनोकामना पूरी होने के बाद श्रद्धालु मंदिर आते हैं और अपनी श्रद्धानुसार प्रसाद चढ़ाते हैं। भंडारे का भी आयोजन करवाते हैं। नवरात्र पर मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है।
ऐसी है श्रद्धा
माना जाता है कि जब भी कभी रामगंगा नदी में बाढ़ आई है तो रामगंगा नदी किनारे स्थित माता के मंदिर की सीढ़ियों से आगे नहीं आ पाया। इसलिए लोग इस मंदिर को और भी अधिक पूजनीय मानते हैं। श्रद्धालु यहां प्रत्येक शनिवार को मां काली देवी को श्रद्धालु चुनरी, शृंगार के सामान और नारियल चढ़ाते हैं और उनके सामने दीपक जलाते हैं। कोई विशेष कामना हो तो यहां धागा भी बांधते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
नवरात्र पर होगी विशेष व्यवस्था
मंदिर के महंत सज्जन गिरी ने बताया कि नवरात्र पर मंदिर में भव्य आयोजन किया जाएगा। माता का विशेष शृंगार के साथ तीन पहर आरती होगी। बताया कि तैयारियां शुरू हो गईं हैं। माता के दरबार में जो श्रद्धालु आता है वह खाली हाथ लौटता। नौ दिन मेला लगेगा। माता का दरबार सजाया जाएगा। नवरात्र के पहले दिन सुबह 5:30 पर आरती होगी। इसके बाद भक्तों के माता का दरबार खोल दिया जाएगा।
मंदिर का इतिहास
लालबाग स्थित प्राचीन काली माता मंदिर मंदिर 400 वर्ष से ज्यादा पुराना है। यहां मां काली की छोटी सी मूर्ति थी। लोग जब भी यहां आते, मूर्ति की भी पूजा-अर्चना करते थे। फिर यहां जो लोग आते, उनकी मनोकामना भी पूरी होने लगी तो धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी। कहा जाता है कि मां की पूजा-करने से आसुरी शक्तियां, होने लगे तो इस मूर्ति के प्रति लोगों में अटूट श्रद्धा बन गई। इस मंदिर की खासियत यह है कि ये रामगंगा नदी के किनारे स्थित है और इसके पास श्मसान घाट भी है।
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : विदेशियों को भा रहे देशी उत्पाद, बेंत और बांस से बनी चीजों की मांग
