रामपुर : जच्चा-बच्चा केंद्र और बंगाली क्लीनिक सील
रामपुर/स्वार, अमृत विचार। झोलाछाप डाक्टरों पर मेहरबान दिखाई दे रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शनिवार को दफ्तरों से निकले और स्वार में उस जच्चा बच्चा केंद्र को सील कर दिया जहां प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई थी। इसके अलावा बिजारखाता के बंगाली क्लीनिक को भी सील किया गया है, जहां शुक्रवार …
रामपुर/स्वार, अमृत विचार। झोलाछाप डाक्टरों पर मेहरबान दिखाई दे रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शनिवार को दफ्तरों से निकले और स्वार में उस जच्चा बच्चा केंद्र को सील कर दिया जहां प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई थी। इसके अलावा बिजारखाता के बंगाली क्लीनिक को भी सील किया गया है, जहां शुक्रवार को एक दलित युवक की गलत इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई थी।
लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप और फर्जी अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि अजीमनगर क्षेत्र में दर्जनों फर्जी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। गुरुवार की रात तहसील क्षेत्र के गांव मुंशीगंज निवासी अशोक ने प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को नगर स्थित बिजली घर के सामने जीवक जच्चा बच्चा केंद्र पर भर्ती कराया था। अस्पताल में प्रसव के दौरान अनट्रेंड चिकित्सक व नर्सों की लापरवाही के चलते महिला की हालत बिगड़ने पर नवजात शिशु की मौत हो गई थी।
जिस क्षुब्ध परिजनों ने हंगामा शुरु करने के साथ ही संचालक की धुनाई कर डाली थी। हंगामे व संचालक की धुनाई की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच संचालक को हिरासत में ले थाने ले आई थी। बाद में पुलिस ने मामले को रफ-दफाकर संचालक को छोड़ दिया था। शनिवार को डिप्टी सीएमओ नोडल अधिकारी दशरथ सिंह स्वास्थ्य विभाग की टीम.के साथ पहुंच गए।
जांच कर टीम को अस्पताल सील करने के निर्देश दिए। जिस पर टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से अन्य संचालकों में हड़कंप मचा है। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि शिशु की मौत होने की सूचना पर जीवक हास्पिटल को सीज किया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम अन्य फर्जी अस्पताल और झोलाछाप पर कार्रवाई किए बिना लौट आई है। इससे साबित हो रहा है कि झोलाछाप से साठगांठ करके स्वास्थ्य विभाग के अफसर मोटी कमाई कर रहे हैं।
बिजारखाता में स्वास्थ्य टीम पहुंचने से झोलाछाप भागे
गांव बिजारखाता में झोलाछाप पीके राय के क्लीनिक पर शुक्रवार को गांव खानपुर उत्तरी राज्जावाला निवासी 45 वर्षीय बलवंत सिंह दलित इलाज कराने परिजनों के साथ पहुंचा था। झोलाछाप ने उसका उपचार शुरूकर दिया था। इस दौरान झोलाछाप ने बुखार से पीड़ित दलित युवक के इंजेक्शन लगा दिया।दवा का रिएक्शन होने के कारण दलित की हालत बिगड़ने लगी थी। जिस पर झोलाछाप घबरा गया था। देखते ही देखते दलित युवक ने तड़प तड़प कर क्लीनिक पर दम तोड़ दिया था।
जिस पर परिजनों ने हंगामा शुरूकर दिया था।क्लीनिक पर लोगों की भीड़ लग गई। तब झोलाछाप बंगाली क्लीनिक को खुला छोड़कर परिजनों को साथ ले खिसक लिया था। परिजन शव को घर ले गए थे। झोलाछाप के क्लीनिक पर दलित युवक की मौत की सूचना मिलने पर शनिवार को डिप्टी सीएमओ स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। जांचोपरांत टीम ने झोलाछाप के क्लीनिक को सील कर दिया। स्वास्थ्य टीम पहुंचने से इलाके के झोलाछाप क्लीनिक बंद कर भाग गए।
संगठन बनाकर अफसरों की सेवा करते हैं झोलाछाप
जैसाकि जानकारी में आया है झोलाछापों ने एक संगठन बनाया है, यह संगठन एकमुश्त सहयोग एकत्र करके स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की सेवा में लगा रहता है। संगठन की सेवा से संतुष्ट स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर किसी का कोई दबाव काम नहीं करता है। शायद इसीलिए लगातार मौतें होने के बाद भी झोलाछाप और उनके फर्जी अस्पतालों पर सील नहीं लगाई जा रही है।
कुछ बड़े झोलाछाप भाजपा के कुछ नेताओं के पिछलग्गू हैं, जब सपा सरकार थी तब बे सपा नेताओं के पिछलग्गू थे और मरीजों की मौत का धंधा करते रहे। इस तरह से लोगों की जिंदगी और मौत से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप को समाज के ऐसे लोग संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे में जागरूक लोगों को एकजुट होकर इनके खिलाफ मुहिम चलानी चाहिए।
ये भी पढ़ें-
बरेली: बिजली बिल में मूल से ज्यादा ब्याज देख सपाइयों को लगा झटका
