रायबरेली में अलविदा के दिन हिंदुओं ने किया परंपरा का निर्वाह

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रायबरेली। गंगा जमुनी तहजीब रायबरेली की हमेशा से विरासत रही है। यहां की परंपराएं पूरे विश्व को संदेश देती हैं। रमजान के महीने में जिले के पूरे झमई मजरे नरेंद्रपुर की मस्जिद में अलविदा के दिन की इफ्तार पार्टी धार्मिक एकता का प्रतीक है। जिसका आयोजन हिंदू समाज के लोग करते हैं। डलमऊ कोतवाली क्षेत्र …

रायबरेली। गंगा जमुनी तहजीब रायबरेली की हमेशा से विरासत रही है। यहां की परंपराएं पूरे विश्व को संदेश देती हैं। रमजान के महीने में जिले के पूरे झमई मजरे नरेंद्रपुर की मस्जिद में अलविदा के दिन की इफ्तार पार्टी धार्मिक एकता का प्रतीक है। जिसका आयोजन हिंदू समाज के लोग करते हैं।

डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के इस गांव की परंपरा पुरानी है। रमजान के महीने में अलविदा के दिन शाम को मस्जिद में इफ्तार पार्टी का आयोजन हिंदू समाज के लोग करते है। शुक्रवार की शाम को हुए इफ्तार के मुख्य आयोजक देवी प्रसाद त्रिवेदी और राधेश्याम त्रिवेदी थे। इनके साथ गांव का पूरा हिंदू समाज जुटा और मुस्लिम रोजेदारों के इफ्तार के लिए व्यंजन तैयार किए गए।

शाम को सैकड़ों की संख्या में रोजेदारों ने इफ्तार के बाद हिंदू भाइयों की भलाई के लिए दुआ की। इस मौके पर प्रमुख रूप से मौलाना अमान उल्ला खान, सहजादे, मो नईम, कल्लन, मोबिन, मो राशिद, गुड्डू, मो फारूक,मेराज अली, बब्बन त्रिवेदी,अनिल त्रिवेदी, अनुज मिश्र, राजू पटेल और टिंकू आदि मौजूद थे।

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