मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी 2018 में संशोधन को दी मंजूरी 

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोल में एथनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को पूर्व-निर्धारित समयसीमा से पांच साल पहले यानी 2025-26 तक पूरा करने की बुधवार को मंजूरी दे दी। आपको बतादें कि प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट की बैठक में आज दो अहम फ़ैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी ( National Policy …

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोल में एथनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को पूर्व-निर्धारित समयसीमा से पांच साल पहले यानी 2025-26 तक पूरा करने की बुधवार को मंजूरी दे दी। आपको बतादें कि प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट की बैठक में आज दो अहम फ़ैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी ( National Policy on Biofuels) 2018 में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत इथेनॉल का उत्पादन बढ़ेगा। उत्पादन बढ़ाने के लिए कई और फ़सलों का इस्तेमाल करने की इजाज़त दी गई है। पेट्रोल – डीज़ल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग 20% करने का लक्ष्य अब 2030 की बजाय 2025-26 किया गया

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के निदेशक मंडलों को इकाइयों एवं उनकी अनुषंगिक इकाइयों को बंद करने, उनका विनिवेश करने संबंधी फैसले लेने का अधिकार दिया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल को वर्तमान में कुछ शक्तियां प्राप्त हैं जिनके तहत वे वित्तीय संयुक्त उपक्रम या पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई स्थापित करने के लिए इक्विटी निवेश कर सकते हैं हालांकि इसमें भी शुद्ध संपत्ति संबंधी कुछ सीमाएं होती हैं।

लेकिन निदेशक मंडलों को अनुषंगियों या इकाइयों या संयुक्त उपक्रमों में हिस्सेदारी को खत्म करने या विनिवेश करने का अधिकार नहीं होता, हालांकि कुछ महारत्न कंपनियों के पास इस तरह की सीमित शक्ति होती है कि वे अनुषंगियों में कुछ हिस्सेदारी का विनिवेश कर सकती हैं।

संयुक्त उपक्रम में हिस्सेदारी बेचने, अनुषंगी या इकाइयों को बंद करने या उनकी कुछ हिस्सेदारी बेचने या रणनीति विनिवेश करने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

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