मुरादाबाद : घर को पौधों से बगीचे की तरह सजाकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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मुरादाबाद, अमृत विचार। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए नायाब तरीका अपना कर रामगंगा विहार कॉलोनी के अजीत अग्रवाल अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं। उनके इस कार्य में पत्नी भी सहयोग करती है। उनकी सकारात्मक पहल के कई लोग कायल हैं। दंपति ने अपने शौक के चलते पूरे घर को कई प्रजातियों …

मुरादाबाद, अमृत विचार। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए नायाब तरीका अपना कर रामगंगा विहार कॉलोनी के अजीत अग्रवाल अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं। उनके इस कार्य में पत्नी भी सहयोग करती है। उनकी सकारात्मक पहल के कई लोग कायल हैं। दंपति ने अपने शौक के चलते पूरे घर को कई प्रजातियों के पेड़ पौधों से इस तरह सजा रखा है, जैसे वे घर न होकर कोई खूबसूरत पार्क हो। दंपति पेड़-पौधों की देखरेख बिलकुल अपने बच्चों की तरह करते है। घर के आंगन, छत और बेडरूम व घर के हर कोने तक पौधे लगा रखे हैं। पूरे घर में एक हजार से ज्यादा पौधे हैं।

साल 2020 व 2021 में कोरोना महामारी में सैकड़ों मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई थी। लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान थे, जबकि कुदरत हमें पेड़-पौधों से 24 घंटे ऑक्सीजन देती है, लेकिन हम अपनी बढ़ती हुई जरूरतों की वजह हरे-भरे पेड़ काटकर हरियाली को कम कर देते हैं। इसकी वजह से अक्सर हमें उसका खामयाजा भी भुगतना पड़ता है। कई बार देखा गया है कि हर साल विश्व पर्यावरण दिवस पर लोग खूब पौधे लगाते हैं, लेकिन बाद में पौधों की देखभाल नहीं करते, जिस वजह से वे सूख जाते हैं। शहर के सिविल लाइंस स्थित रामगंगा विहार कॉलोनी निवासी अजीत अग्रवाल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने घर में पेड़-पौधे लगा रहे हैं। इनमें विदेशी पौधे, लीली, सूरजमुखी, कमल, गुलाब, फलदार पौधे शामिल हैं।

अजीत अपनी पत्नी चारु अग्रवाल के साथ मिलकर इन पेड़-पौधों की देखभाल करते हैं। रोजाना एक से दो घंटे तक पानी देना, खाद्य देना व अन्य देखभाल करना दंपति के दिनचार्य में शामिल है। अजीत अग्रवाल जब अपनी सर्राफा की दुकान पर चले जाते हैं तो पत्नी चारु भी इन पेड़-पौधों का ख्याल रखती हैं। दंपति का कहना है कि उनके पड़ोसी व रिश्तेदार भी इस सकारात्मक पहल की सरहाना करते हैं।

अजीत अग्रवाल का कहना है कि पेड़-पौधें में समय बिताना मेरी व पत्नी की आदत हो गई है। पेड़ पौधे न हो तो हम लोग एक संघर्ष भरा जीवन जीते। हम जब अपने पेड़-पौधे को रोज देखते हैं तो हमें बहुत अच्छा लगता है और मानसिक संतुष्टि मिलती है।

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