नैनीताल: चार सप्ताह में पेश करें स्थानांतरण नीति – हाईकोर्ट

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नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने कुमाऊं और गढ़वाल में वर्ष 2014 में तत्कालीन सरकार द्वारा गरीब और मेधावी छात्रों के लिए संचालित राजीव नवोदय विद्यालयों को बंद करने और इसमे अध्ययनरत छात्रों को बिना किसी नीति के अटल उत्कृष्ट विधालयों में स्थानांतरित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने …

नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने कुमाऊं और गढ़वाल में वर्ष 2014 में तत्कालीन सरकार द्वारा गरीब और मेधावी छात्रों के लिए संचालित राजीव नवोदय विद्यालयों को बंद करने और इसमे अध्ययनरत छात्रों को बिना किसी नीति के अटल उत्कृष्ट विधालयों में स्थानांतरित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में स्थानांतरण नीति पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 6 जुलाई की तिथि नियत की है।

मामले के अनुसार बेतालघाट निवासी सुरेन्द्र कुमार ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि तत्कालीन सरकार द्वारा वर्ष 2014 में कुमाऊं और गढ़वाल के पिछड़े इलाकों में गरीब मेधावी छात्रों के लिए राजीव नवोदय विद्यालयों की स्थापना की थी, जिसमें मेरिट के आधार पर छात्रों को निःशुल्क शिक्षा आवासीय व स्कूल ड्रेस, भोजन सहित पठन पाठन सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी।

लेकिन 13 मई 2022 को राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश जारी कर इन विद्यालयों को बंद कर बिना किसी स्थानांतरण नीति बनाए अटल उत्कृष्ट विधालयों में स्थानांतरित किया जा रहा है। राजीव नवोदय विधालयों में पढाई अंग्रेजी माध्यम से करायी जा रही है जबकि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई हो रही है, जिसके चलते छात्रों को पठन पाठन में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

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