लखीमपुर-खीरी: 138 जोड़ों ने लिए सात फेरे, 11 ने कहा कबूल है
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। शुक्रवार को शहर के मैरिज लॉन में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। विवाह समारोह के दौरान सभी नव दंपत्ति ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और एक नए जीवन की शुरुआत की। शादी समारोह के लिए प्रशासन ने अपनी सारी तैयारियां पहलें ही पूरी कर ली थी। …
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। शुक्रवार को शहर के मैरिज लॉन में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। विवाह समारोह के दौरान सभी नव दंपत्ति ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और एक नए जीवन की शुरुआत की। शादी समारोह के लिए प्रशासन ने अपनी सारी तैयारियां पहलें ही पूरी कर ली थी।
बारातियों का स्वागत प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारी ने किया। वही उनके चाय नाश्ते और खाने का भी इंतजाम किया गया। सामूहिक विवाह समारोह को लेकर सभी 149 वर वधुओं ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ एक दूसरे का दामन थामा। पूरे जिले में करीब 150 नव दंपतियों की शादी कराने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 12 ब्लाकों के 149 जोडे सामूहिक विवाह का हिस्सा बने।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह को लेकर मिले निर्देश के बाद सभी 15 ब्लाकों को टारगेट देकर पंजीकरण कराने के आदेश दिये गये थे। सामूहिक विवाह के लिए 12 ब्लाकों से 149 पंजीकरण हुए थे। शुक्रवार को स्थानीय द लोटस मैरिज लान में सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान पूरा मैरिज लान वर और वधू पक्ष के लोगों से भरा हुआ दिखायी दिया। सुबह करीब 11 बजे गायत्री परिवार के पण्डितों ने विवाह के पवित्र रिश्ते के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम शुरू किया।
149 जोडों के बैठने के लिए लगाये गये पण्डाल में संख्या से अधिक लोगों के पहुंच जाने के चलते पूरे पण्डाल में उमस भरी हुई थी। हाल यह हुआ कि लोग विवाह समारोह के दौरान पानी तक को तरस गये। 12.30 बजे पण्डितों ने सभी वर वधू को एक साथ पूजा विधि की शुरूआत की। करीब दो घण्टें से ज्यादा चले कार्यक्रम के बाद वर वधुओं ने एक दूसरे के साथ सात फेरे लेते हुए जीवन की नई शुरूआत की। शादी के मण्डप में ही नवविवाहित जोडों को दहेज का सामान भी दिया गया जिसमें एक कूकर, साड़ी, डिनर सेट के अलावा वधू के उपयोग के लिए एक हैण्डबैग शामिल था। फिलहाल थोडी बहुत अव्यवस्थाओं के बीच सामूहिक विवाह समारोह सम्पन्न हुआ।
मुस्लिम समुदाय के जोडें भी बने सामूहिक विवाह का हिस्सा
सामूहिक विवाह समारोह में मुस्लिम समुदाय के करीब 11 जोडों ने एक दूसरे का हाथ थामते हुए विवाह के बंधन में बंधे। हिन्दु समुदाय का विवाह कराने के लिए गायत्री परिवार के पण्डित मौजूद रहे वहीं मुस्लिम समुदाय के जोडों के लिए मस्जिद के काजी मौजूद रहे। काजी ने दोनों पक्षों के लोगों की मौजदूगी में निकाह पढाया। मैरिज लान में इन जोडों के लिए अलग से व्यवस्थाएं की गयी थी। इस दौरान जुबेर संग नेहा निवासी बरबर, अंसार संग जुलैैबा निवासी कड़िया व जीशान संग नौरीन ने एक दूसरे के साथ जीवन बिताने के लिए हाथ थामा।
100 रूपये से लेकर 300 रूपये तक बिके दुल्हे का सेहरा
शादी समारोह के दौरान दूल्हे सेहरा पहने हुए दिखायी देता है। कई ग्रामीण और आस-पास के परिवार के सदस्य जो सेहरा और माला नहीं खरीद पाये थे। उन्होंने मैरिज लान के बाहर ही सेहरा खरीदना पडा। गेट पर लगाये दुकानदारों ने सेहरा 100 रूपये से लेकर 300 रूपसे तक बिक्री की वहीं माले की कीमत 30 रूपये के लेकर 50 रूपये तक की थी। फिलहाल लोगों को आसानी के साथ सेहरा और माला मिल जाने के चलते उनके चेहरों पर खुशी देखी जा रही थी।
एक दर्जन से ज्यादा पंखे और कूलर रहे नकाफी
सामूहिक विवाह के दौरान लगाये गये पण्डाल में करीब एक दर्जन से ज्यादा पंखे और कूलर नकाफी साबित हो रहे थे। वर वधू और जनातियों-बारातियों से भरा पण्डाल में उमस होने के चलते लोग बिलबिला उठे। गर्मी से बचने के लिए लोगो को हाथ वाले पंखे और गमछों का सहारा लेना पड़ा। पण्डाल में दर्जनों महिलाएं वर वधूओं को पंखा डुलाते हुए देखी जा रही थी। पूछने पर बताया कि वह लोग काफी दूर से आयी है। गर्मी काफी है। पंखों में हवा नहीं लग रही है। गर्मी से बचने के लिए कुछ न तो कुछ करना ही पडे़ंगा।
जनातियों और बारातियों को परोसा गया लाजवाव व्यंजन
सामूहिक विवाह का हिस्सा बने जोडों के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा लाजवाब व्यंजन बनवाये गये थे। इस दौरान वर वधू के अलावा पांच जनातियों के साथ साथ पांच बारातियों यानी कुल 12 सदस्यों ने लिए भोजन की व्यवस्था की गयी थी। सभी के लिए पूडी, पनीर के साथ साथ मीठे रसगुल्ले बनवाये गये थे जिसे सभी ने बडे ही चाव के साथ खाया।
पानी को तरस गये लोग
करीब 45 डिग्री तापमान ने पण्डाल के नीचे बैठे नवविवाहित जोडों के साथ साथ आये हुए लोगों की हलक सुखा दी। इस दौरान प्रशासन द्वारा की गयी पानी की व्यवस्था कुछ ही घण्टों में समाप्त हो गया। पानी की केने समाप्त होते ही नगर पालिका से टैंकर लाया गया जिसने सभी की प्यास बुझाई।
न बैठने, न पानी और नहीं थी हवा की व्यवस्था
सामूहिक विवाह के दौरान लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। शादी समारोह में आये हुए दोनों पक्षों के लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा न तो बैठने की कोई व्यवस्था की गयी थी और न ही पर्याप्त पानी की। चिलचिलाती गर्मी से बचने के लोग इधर उधर भागते हुए दिखायी दिये।
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