बरेली: शिशुओं पर मंडराया एनीमिया का खतरा, बढ़ी मरीजों की संख्या
बरेली, अमृत विचार। अक्सर गर्भावस्था के दौरान उचित देखरेख न होने से महिला एनीमिया से ग्रसित हो जाती है। जिसका प्रभाव प्रसव के बाद नवजात पर देखने को मिलता है। अब दो साल तक के बच्चों में भी एनीमिया का खतरा मंडरा रहा है। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में आए दिन एनीमिया से ग्रसित …
बरेली, अमृत विचार। अक्सर गर्भावस्था के दौरान उचित देखरेख न होने से महिला एनीमिया से ग्रसित हो जाती है। जिसका प्रभाव प्रसव के बाद नवजात पर देखने को मिलता है। अब दो साल तक के बच्चों में भी एनीमिया का खतरा मंडरा रहा है। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में आए दिन एनीमिया से ग्रसित बच्चे भर्ती हो रहे हैं। रविवार को भी वार्ड में दो बच्चे सीवियर एनीमिया से ग्रसित मिले हैं।
हैरत की बात तो यह है कि जांच में बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी आ रही है। बच्चा वार्ड के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. करमेंद्र के अनुसार बीते दो माह से वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चे एनीमिया से ग्रसित मिल रहे हैं। अब तक 40 से अधिक बच्चे भर्ती हो चुके हैं। वहीं कुछ बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर भी रेफर किया गया है।
ऐसे रखें ध्यान
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला शर्मा के अनुसार अक्सर गर्भावस्था के दौरान महिला का ठीक से खान-पान न होने से जच्चा-बच्चा दोनों की सेहत पर इसका गंभीर असर पड़ता है। वहीं प्रसव के बाद बच्चे को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। ये बच्चे के लिए किसी अमृत से कम नहीं है।
केस 1
फरीदपुर निवासी ओमवीर ने घर में स्वास्थ्य बिगड़ने पर नौ माह की बच्ची प्रियंका को शनिवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जांच में बच्ची सीवियर एनीमिया से ग्रसित मिली है। बच्ची के शरीर में महज दो ग्राम हीमोग्लोबिन मिला है। हालांकि बच्ची को खून चढ़ाया जा रहा है, लेकिन हालत गंभीर है।
केस 2
शहर के हारुनगला निवासी सोनू की डेढ़ साल की बच्ची सौम्या की बीमार हुई तो परिजन शनिवार को उसे बच्चा वार्ड लेकर आए जहां जांच में बच्ची एनीमिया से ग्रसित मिली है। बच्ची का हीमोग्लोबिन तीन ग्राम मिला। हालांकि बच्ची की हालत गंभीर है।
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