पीलीभीत: जिंदगी और मौत के बीच जूझती बिटिया, बदइंतजामी से टूट रही आस
पीलीभीत, अमृत विचार। दरिंदगी के बाद जिंदा जलाई गई दलित बिटिया लखनऊ के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका है। वहीं, राजधानी पहुंचने के बाद भी परिवार बदइंतजामी का शिकार हो गया। जिसके बाद उसकी आस भी टूटने लगी। फिलहाल, पिता की पीड़ा भरे शब्दों …
पीलीभीत, अमृत विचार। दरिंदगी के बाद जिंदा जलाई गई दलित बिटिया लखनऊ के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका है। वहीं, राजधानी पहुंचने के बाद भी परिवार बदइंतजामी का शिकार हो गया। जिसके बाद उसकी आस भी टूटने लगी। फिलहाल, पिता की पीड़ा भरे शब्दों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो अब सिस्टम की ओर से आश्वासन का मरहम लगाया गया है। कई अधिकारी लखनऊ केजीएमयू पहुंचे और पिता को कोई दिक्कत न होने का भरोसा दिलाया।
घटना सात सितंबर को हुई थी। माधोटांडा क्षेत्र की रहने वाली 17 वर्षीय दलित किशोरी घर पर अकेली थी। इस दौरान गांव के ही दो शोहदे घर में घुस गए और किशोरी से दुष्कर्म किया। इसके बाद डीजल छिड़ककर किशोरी को आग लगा दी थी। तीन दिन तक किशोरी जिला अस्पताल भर्ती रही और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद पिता की ओर से रिपोर्ट दर्ज कर दोनों आरोपी जेल भेज दिए गए। किशोरी को हालत गंभीर होने पर लखनऊ के केजीएमयू भर्ती करा दिया गया।
मगर, उसके बाद भी परिवार की मुसीबत कम नहीं हो सकी। बिटिया की हालत नाजुक बनी हुई है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। ऐसे में रुपये खत्म हो गए और खाने के भी लाले पड़ गए। एक दिन पहले पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने मदद की गुहार लगाते हुए अव्यवस्थाओं को उजागर किया था।
इससे हुई फजीहत के बाद आखिरकार सिस्टम हरकत में आ गया। मंगलवार को कई अधिकारी अस्पताल पहुंचे और परिवार से मुलाकात की। उन्हें आश्वस्त किया कि इलाज आदि में किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। आर्थिक मदद को लेकर कार्रवाई भी जल्द पूरी कराने का भरोसा दिलाया है। पिता ने बताया कि उनकी बेटी की तबीयत अभी खतरे से बाहर नहीं है। कई अधिकारी मुलाकात करने आए थे। उनके द्वारा इलाज और आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया गया है।
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